क्लोनिंग क्या है, लाभ, हानि, अनुप्रयोग(What is Cloning, Advantages, Disadvantages, Applications)
क्लोनिंग (Cloning) द्वारा किसी कोशिका या संपूर्ण जीव के प्रतिरूप का निर्माण किया जा सकता है इसमें किसी एक जनक से अलैंगिक विधि द्वारा प्रतिरूप जीव का निर्माण किया जा सकता है।
क्लोनिंग के प्रकार
जीन क्लोनिंग
जीन क्लोनिंग में सबसे पहले जीन अभियांत्रिकी का प्रयोग कर ट्रांसजेनिक सूक्ष्मजीव का निर्माण किया जाता है। इस का उपयोग इंसुलिन के निर्माण में किया जाता है।
रिप्रोडक्टिव क्लोनिंग
इसमें कई कोशिका स्थानांतरण तकनीक का उपयोग कर किसी जीव की प्रतिकृति बनाई जाती है।
थिराप्यूटिक क्लोनिंग
इसमें भ्रूणीय स्तंभ कोशिका का उत्पादन किया जाता है। इसके द्वारा कि गलत उत्तर कोरिया अंगों में सुधार किया जाता है।
क्लोनिंग के लाभ
- क्लोनिंग से शरीर के महत्वपूर्ण अंगों हृदय यकृत किडनी हड्डियों आदि का निर्माण किया जा सकता है जिसे बाद में मरीजों को प्रत्यारोपित भी किया जा सकेगा।
- कैंसर जैसी बीमारियों को क्लोनिंग से रोका जा सकता है।
- किसी व्यक्ति के अगर तंत्रिका तंत्र और मेरुदंड दुर्घटनाग्रस्त हो जाता है तो उसे वापस क्लोनिंग की मदद से विकसित किया जा सकता है।
- क्लोनिंग के द्वारा निसंतान दंपतियों की गोद भरी जा सकती है।
- विलुप्त प्रजातियों का क्लोन तैयार करके उन्हें विलुप्त होने से बचा जा सकता है।
क्लोनिंग से नुकसान
- गरीब दंपतियों के लिए संतान प्राप्त करना क्लोनिंग से महंगा होता है इसलिए उन्हें इस का लाभ नहीं मिल पाता।
- क्लोनिंग से अपराध बढ़ने की संभावना होगी क्योंकि अपराधी क्लोनिंग की मदद से क्लोन बना कर अपराध करेंगे।
- क्लोनिंग से मानव के सामाजिक एवं मानवीय मूल्य के समाप्त होने का खतरा है।
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