भारत के राष्ट्रपति के चुनाव की पद्धति, राष्ट्रपति का निर्वाचन कैसे होता है, अप्रत्यक्ष निर्वाचन पद्धति Indian president election in Hindi
India president election process and power in Hindi – भारत का प्रथम नागरिक होता है संघ की कार्यपालिका शक्ति राष्ट्रपति में निहित होती है राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मंत्रिमंडल तथा महान्यायवादी शामिल है राष्ट्रपति भारतीय सेनाओं का सर्वोच्च सेनापति होता है, भारतीय सामाजिक धर्मनिरपेक्ष डेमोक्रेटिक रिपब्लिक देश है।
भारत के राष्ट्रपति चुनाव की विधि, चरण और राष्ट्रपति की शक्तियां Method, Stages and Powers of President of India Election
राष्ट्रपति के निर्वाचन हेतु निर्वाचन समिति का गठन
राष्ट्रपति का निर्वाचन अप्रत्यक्ष रूप से किया जाता था अर्थात राष्ट्रपति के चुनाव में जनता भाग नहीं लेती है। निर्वाचन मंडल के सदस्यों द्वारा राष्ट्रपति का निर्वाचन किया जाता है
निर्वाचन मंडल में निम्न लोग शामिल है
- लोकसभा और राज्यसभा के निर्वाचित सदस्य राज्य विधानसभा के निर्वाचित सदस्य दिल्ली व पुडुचेरी विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य
राष्ट्रपति के निर्वाचन में मनोनीत सदस्य और राज्य विधान परिषद के सदस्य निर्वाचन में भाग नहीं लेते हैं।
राष्ट्रपति पद के लिए आवश्यक योग्यताएं Essential Qualifications for the Presidency
अनुच्छेद 58 में राष्ट्रपति की योग्यताएं दी गई है जो निम्न प्रकार से है
- भारत का नागरिक हो
- 35 वर्ष की आयु पूर्ण कर ली हो
- लोकसभा सदस्य बनने की योग्यता रखता हो
- लाभ का पद धारण न करता हो
राष्ट्रपति के चुनाव नामांकन के लिए कम से कम 50 प्रस्तावक व 50 अनुमोदक होने चाहिए।
राष्ट्रपति के चुनाव की अप्रत्यक्ष विधि indirect method of election of the president
भारत के राष्ट्रपति का निर्वाचन निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है इसमें जनता भाग नहीं लेती है अर्थात राष्ट्रपति का चुनाव अप्रत्यक्ष निर्वाचन होता है
राष्ट्रपति के निर्वाचन की प्रक्रिया Presidential election process
अनुच्छेद 55 में राष्ट्रपति के निर्वाचन की प्रक्रिया का वर्णन किया गया है राष्ट्रपति का निर्वाचन एकल संक्रमणीय आनुपातिक प्रतिनिधित्व पद्धति द्वारा किया जाता है। इस पद्धति में एक निश्चित कोटा तय किया जाता है भारत के राष्ट्रपति के मामले में इसे 50 परसेंट से अधिक मतों का निश्चित किया गया है इसका सूत्र निम्न है।
डाले गए कुल मतों की संख्या/ कुल स्थानो की संख्या+1 +1 = कोटा
संविधान में प्रावधान है कि राष्ट्रपति के चुनाव में प्रत्येक राज्य का प्रतिनिधित्व समान रूप से हो इस हेतु प्रत्येक सदस्य के मतों की संख्या निम्न प्रकार से तय की जाती है
विधानसभा सदस्य का मत मूल्य vote value of a member of the assembly
विधानसभा सदस्य का मत मूल्य= 1971 की जनगणना के अनुसार राज्य की जनसंख्या/ राज्य में कुल एमएलए की संख्या ÷1000
राज्य के विधानसभा के सभी निर्वाचित विधायकों एमएलए के मतों के कुल योग और संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्यों के मतों के कुल योग में समतुल्यता होनी चाहिए
एक सांसद का मत मूल्य vote value of an MP
एक सांसद का मत मूल्य = सभी राज्यों के सभी निर्वाचित विधायकों के मतों का कुल मूल्य / संसद के निर्वाचित सदस्यों की कुल संख्या
राष्ट्रपति के चुनाव में सभी एमपी की वैल्यू समान होती है लेकिन एमएलए की वैल्यू राज्यों के अनुसार भिन्न भिन्न होती है
राष्ट्रपति का चुनाव जीतने के लिए आवश्यक वोट Votes Required to Win the Presidential Election
राष्ट्रपति को चुनाव जीतने के लिए मतों का एक निश्चित भाग प्राप्त करना होता है चुनाव जीतने के लिए कुल वैध मतों की, निर्वाचित होने वाले कुल उम्मीदवारों की संख्या में एक जोड़कर प्राप्त संख्या द्वारा भाग देने पर भागफल में एक जोड़कर प्राप्त किया जाता है।
निश्चित मतो का भाग कुल वैध मत /सीटों की संख्या 1+1=2 +1
राष्ट्रपति के निर्वाचन से जुड़े विवादों का निपटारा
राष्ट्रपति के निर्वाचन संबंधित सभी विवादों का अनुच्छेद 71 के तहत सुप्रीम कोर्ट निपटारा करता है सुप्रीम कोर्ट का निर्णय ही अंतिम निर्णय माना जाता है। इस हेतु चुनाव के बाद 30 दिन के अंदर इलेक्शन पिटिशन दायर की जाती है।
यदि सुप्रीम कोर्ट राष्ट्रपति के रूप में किसी व्यक्ति के निर्वाचन को शून्य घोषित कर दे तो उनके द्वारा किए गए कार्यों को अवैध घोषित नहीं किया जा सकता।
राष्ट्रपति का पुनर्निर्वाचन President’s re-election
अनुच्छेद 57 के तहत कोई व्यक्ति कितनी ही बार राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ सकता है संविधान में राष्ट्रपति चुनाव की सीमा का उल्लेख नहीं किया गया है।
राष्ट्रपति के निर्वाचन पद्धति में कमियां
- राष्ट्रपति की निर्वाचन पद्धति का जटिल होना
- अप्रत्यक्ष निर्वाचन पद्धति
- निर्वाचन मंडल के सदस्य द्वारा वरीयता क्रम इंगित करना अनिवार्य नहीं है।
- पद्धति का अस्पष्ट होना
राष्ट्रपति की शपथ President’s Oath
राष्ट्रपति को शपथ सर्वोच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश दिलाता है, राष्ट्रपति अनुच्छेद 60 के तहत इस प्रकार से शपथ लेता हैं।
1. श्रद्धापूर्वक राष्ट्रपति पद का कार्यपालन करूंगा, 2. संविधान और विधि का परिरक्षण, संरक्षण और प्रतिरक्षण करूंगा,
3. भारत की जनता की सेवा और कल्याण में निरत रहूंगा।
राष्ट्रपति का कार्यकाल President’s term
राष्ट्रपति का कार्यकाल पद धारण करने से लेकर 5 वर्ष तक का होता है जब तक दूसरा राष्ट्रपति पद ग्रहण कर न कर ले तब तक अपने पद पर बना रहता है।
राष्ट्रपति की शक्तियां President’s Powers
राष्ट्रपति के पास निम्नलिखित शक्तियां होती है
- कार्यकारी शक्तियां
- विधायी शक्तियां
- वित्तीय शक्तियां
- न्यायिक शक्तियां
- कूटनीतिक शक्तियां
- सैन्य शक्तियां
- आपातकालीन शक्तियां
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