Computer Memory क्या होती हैं

Computer Memory क्या होती हैं ( What is Computer Memory in Hindi )

Computer Memory – डाटा और अनुदेशों को प्रोसेस करने से पहले मेमोरी में रखा जाता है । प्रोसेस द्वारा प्राप्त अंतरिम और अंतिम परिणामों को भी मेमोरी में रखा जाता है । इस प्रकार मेमोरी सुरक्षित रखता है ,

( i ) प्रोसेस के लिए दिए गए डाटा व अनुदेशों को

( ii ) अंतरिम परिणामों को

( iii ) अंतिम परिणामों को

मेमोरी को मुख्यतः दो भागों में बांटा जाता है

प्राथमिक या मुख्य मेमोरी ( Primary or Main memory )

यह कम्प्यूटर सिस्टम यूनिट के अंदर स्थित इलेक्ट्रॉनिक मेमोरी है । इसकी स्मृति क्षमता कम जबकि गति तीव्र होती है । इसमें अस्थायी निर्देशों और तात्कालिक परिणामों को संग्रहित किया जाता है । यह अस्थायी ( valatile ) मेमोरी है जिसमें कम्प्यूटर को ऑफ कर देने पर सूचना भी समाप्त हो जाते है ।

द्वितीयक या सहायक मेमोरी ( Sec ondary or Auxiliary Memory )

यह मुख्यतः चुम्बकीय डिस्क या आप्टिकल डिस्क ( Magnetic disk or optical disk ) होता है जिसमें बड़ी मात्रा में सूचनाओं को संग्रहित किया जा सकता है । यह स्थायी ( Non Volatile ) मेमोरी है जिसमें विद्युत उपलब्ध न होने पर भी सूचनाओं का ह्रास नहीं होता ।

कंप्यूटर मेमोरी

  1. कम्प्यूटर की मेमोरी लाखों छोटे – छोटे खानों में बांटी हुई होती है , ऐसे हर खानों को एक लोकेशन ( Location ) या बाइट ( Byte ) कहा जाता है ।
  2. बाइट आठ छोटी – छोटी बीटों ( Bits ) की एक श्रृंखला ( Series ) होती है । मेमोरी का सबसे छोटा हिस्सा बिट ( Bit ) कहलाता है ।
  3. कम्प्यूटर में भरा जाने वाला डाटा । और 0 के रूप में ही कम्प्यूटर मेमोरी में रखा जाता है और उसी रूप में उस पर सारा काम किया जाता है । काम करने के इस तरीके को बाइनरी सिस्टम ( Binary System ) कहा जाता है ।
  4. किसी कम्प्यूटर की मेमोरी का आकार बाइटों की संख्या में मापा जाता है । कम्प्यूटर की मैमोरी जितनी बड़ी होती है , वह उतना ही तेज और शक्तिशाली माना जाता है । 1024 बाइट को किलोबाइट ( Kilobyte या K ) कहते हैं । 1024 किलोबाइट को 1 मेगाबाइट ( मेगाबाइट या MB ) कहा जाता है । 1024 मेगाबाइट को एक गीगाबाइट ( Gigabyte या GB ) कहते हैं । कम्प्यूटर की मेमोरी प्रायः मेगाबाइट या गीगा बाइट से मापी जाती है ।
  5. भीतरी या मुख्य मेमोरी कम्प्यूटर के प्रोसेसर या सी.पी.यू. का ही एक भाग होता है । किसी माइक्रो कम्प्यूटर या पी.सी. की मुख्य मेमोरी का आकार 1 मेगाबाइट से 512 मेगाबाइट तक होता है ।

रैम ( RAM Random Access Memory )

रैण्डम एक्सेस मेमोरी में सूचनाओं को क्रमानुसार न पढ़कर सीधे वांछित सूचना को पढ़ा जा सकता है । यह एक अस्थायी ( Valatile ) मेमोरी है जहां डाटा और सूचनाओं को अस्थायी तौर पर रखा जाता है । इसमें संग्रहित सूचनाओं को बदला जा सकता है । कम्प्यूटर की पॉवर सप्लाई बंद कर देने पर रैम में संग्रहित डाटा समाप्त हो जाता है । आजकल बाजार में 16 MB ( Megabyte ) , 32MB , 64 MB , 128MB , 512MB तथा 1GB ( Gigabyte ) क्षमता के रैम उपलब्ध हैं। इन रैमचिप्स को मदरबोर्ड पर बने ‘सिम्स’ (SIMMs-Single Inline Memory Modules) में लगाया जाता है।

रैम को मुख्यतः दो भागों में बांटा जाता है

1. डायनॉमिक रैम ( Dynamic RAM )

2. स्टैटिक रैम ( Static RAM )

1. डायनॉमिक रैम ( DRAM )

डायनॉमिक रैम में पॉवर सप्लाई रहने के बावजूद बहुत कम समय के लिए डाटा संग्रहीत रहते हैं । इसलिए इसे बार – बार रीफ्रेश ( Refresh ) करना पड़ता है । ( Dram ) में कम पावर की जरूरत पड़ती है और यह सस्ता भी होता है ।

2. स्टैटिक रैम ( Static Ram )

ये भी अस्थाई होता है पर इसमें डाटा रखने के रीजेनेरेटर ( Regenerator ) की जरूरत नहीं पड़ती है । पावर सप्लाई रहने तक इसमें डाटा रहता है ।

इसमें ज्यादा पावर की खपत होती है । यह ज्यादा जटिल है और जगह की जरूरत पड़ती है । स्टैटिक रैम डायनॉमिक रैम से ज्यादा तेज काम करता है । स्टैटिक रैम में 85 से 90ns समय की जरूरत होती है जबकि डायनॉमिक रैम में 150 से 200ns समय की जरूरत होती है । बड़ी मेमोरी के लिए डायनॉमिक रैम लगती है जबकि स्टैटिक रैम में मीडियम मेमोरी लगती है ।

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