भारत की पहली हरित हाइड्रोजन आधारित माइक्रोग्रिड परियोजना Green Hydrogen Based Microgrid Project in hindi
सार्वजनिक क्षेत्र की बिजली कंपनी एनटीपीसी ने आंध्र प्रदेश के सिम्हाद्री में ‘एकल ईंधन-सेल आधारित हरित हाइड्रोजन माइक्रो-ग्रिड’ परियोजना की शुरुआत की है। यह भारत की पहली और दुनिया की सबसे बड़ी हरित हाइड्रोजन आधारित ऊर्जा भंडारण परियोजना में से एक होगी।
इसकी बड़े पैमाने पर हाइड्रोजन ऊर्जा भंडारण परियोजनाओं में अग्रणी भूमिका होगी और यह देश के विभिन्न ‘ऑफ ग्रिड’ (जहां ग्रिड की पहुंच नहीं हो पायी है) तथा महत्वपूर्ण स्थानों में माइक्रोग्रिड की स्थापना एवं अध्ययन के लिए उपयोगी साबित होगी।
इस अनूठी परियोजना की रूपरेखा एनटीपीसी ने तैयार की है। यह भारत के लिए एक विशिष्ट परियोजना है और लद्दाख तथा जम्मू-कश्मीर जैसे देश के दूरदराज क्षेत्रों को कार्बन उत्सर्जन से मुक्त करने में मददगार होगी। ये क्षेत्र अब तक केवल डीजल जनरेटर पर निर्भर हैं।
यह देश के विभिन्न ऑफ ग्रिड तथा महत्वपूर्ण स्थानों में माइक्रो ग्रिड की स्थापना एवं अध्ययन के लिए उपयोगी साबित होगी।
परियोजना के तहत नजदीक के फ्लोटिंग सोलर प्रोजेक्ट से इनपुट पावर लेकर उन्नत 240 किलोवाट सॉलिड ऑक्साइड इलेक्ट्रोलाइजर का उपयोग करके हाइड्रोजन का उत्पादन किया जाएगा।
एनटीपीसी की विज्ञप्ति के अनुसार इस परियोजना की रूपरेखा उसने इन हाउस डिजाइन की है और इससे देश में कार्बन उत्सर्जन को कम करने में मदद मिलेगी। एनटीपीसी के अनुसार यह परियोजना प्रधानमंत्री के साल 2070 तक देश को कार्बन न्यूट्रल जोन बनाने के लक्ष्य को ध्यान में रखकर बनाई गई है।
परियोजना के तहत समीप के जलाशय में स्थित ‘फ्लोटिंग’ सौर परियोजना से जरूरी बिजली लेकर उन्नत 240 किलोवॉट सॉलिड ऑक्साइड इलेक्ट्रोलाइजर का उपयोग करके हाइड्रोजन का उत्पादन किया जाएगा। धूप रहने के दौरान घंटों तक उत्पादित हाइड्रोजन को उच्च दबाव में संग्रहीत किया जाएगा और फिर 50 किलोवॉट ठोस ऑक्साइड ईंधन सेल का उपयोग करके इसे विद्युतीकृत किया जाएगा।
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