व्यक्तित्व के शीलगुण या विशेषक सिद्धांत trait theory of personality

व्यक्तित्व के शील गुण Traits of Personality या विशेषक सिद्धांत Trait Theory, व्यक्तित्व के शीलगुण सिद्धांत, शीलगुण क्या होते हैं, 

शीलगुण क्या होते हैं- व्यक्ति के व्यक्तित्व में विभिन्न मानसिक और शारीरिक गुणों का समन्वय एवं संगठन होता है जिन-जिन गुणों के समन्वय से व्यक्तित्व का निर्माण होता है, मनोवैज्ञानिक भाषा में उन्हें व्यक्तित्व विशेषक या शीलगुण कहा जाता है।

जैसे – परोपकारिता, विश्वसनीयता, विनम्रता, व्यवहारिकत्ता, स्पष्टवादी, सत्यनिष्ठ, संयमी आदि विशेषताएं शीलगुणों के अंतर्गत आती है।

गिलफर्ड – “व्यक्तित्व व्यक्ति के शील गुणों का संगठनात्मक प्रतिरूप है।

क्रेच एवं क्रचफील्ड – व्यक्तित्व शील गुण व्यक्ति की स्थाई विशेषता है, जिसके द्वारा विभिन्न परिस्थितियों में एक-सा व्यवहार होता है।

ऑलपोर्ट का विशेषक सिद्धांत या शीलगुण सिद्धांत (आलपोर्ट का शीलगुण सिद्धांत Allport’s trait theory)

ऑलपोर्ट ने शीलगुणों को मुख्यतः दो भागों में बाँटा

1. सामान्य शीलगुण : ऐसे शीलगुण जो किसी समाज या संस्कृति के अधिकतर लोगों में पाया जाता है।

2. व्यक्तिगत शीलगुण:-  इसे ऑलपोर्ट ने व्यक्तिगत प्रवृत्ति भी कहा है। ये शीलगुण किसी के सीमित होते हैं। समाज या संस्कृति के व्यक्ति विशेष तक ही सीमित होते हैं।

ऑलपोर्ट ने व्यक्तिगत प्रवृत्ति को तीन भागों में बाँटा है :

1. कार्डिनल शीलगुण :

ये शील गुण इतने प्रबल होते हैं कि यदि व्यक्ति इन्हें छुपाना चाहे तब भी नहीं छुपा सकता। सभी व्यक्तियों में यह गुण नहीं होता, परन्तु जिसमें होता है वह पूर्ण रूप से इस गुण से चर्चित रहता है। जैसे महात्मा गाँधी सत्य, अहिंसा, हिटलर, नेपोलियन।

2. केन्द्रीय शीलगुण: 

ये शीलगुण व्यक्तित्व निर्माण की ईट होती है जैसे समाजिकता, सहानुभूति, आत्मविश्वास आदि।

3. गौण शीलगुण:

ये शीलगुण कम महत्त्वपूर्ण होते हैं। जैसे पहनावा, Hain style विशेष तरीके से बोलना, उठना बैठना आदि ।

कैटल का विशेषक सिद्धांत / शीलगुण सिद्धांत ( कैटल के शील गुण सिद्धांत Cattie’s Trait Theory )

कैटल ने शील गुणों को दो भागों में बाँटा cattell theory of personality in hindi

1. सतही शीलगुण Surface Trait

इस तरह के शीलगुण ऐसे होते हैं जो व्यक्ति के प्रसन्नता , परोपकारिता , दिन – प्रतिदिन की अन्तः क्रिया में आसानी से अभिव्यक्त हो जाते हैं । जैसे सत्यनिष्ठा आदि ।

2. मूल शीलगुण Source Trait

मूल शीलगुण व्यक्तित्व की भीतरी संरचना होती है । इसका प्रेक्षण सीधे नहीं किया जा सकता है जैसे : सामुदायिकता ( Gregariousness ) निस्वार्थता ( Unselfishness ) तथा हास्य ( Humour )

कैटल ने 16 मूल शीलगुणों की “ सोलह व्यक्तित्व कारक प्रश्नावली ( 16P.E. ) ” का निर्माण किया ।

कैटल ने मूल शीलगुणों को दो भागों में बाँटा :

1. स्वाभाविक शीलगुण : – आनुवांशिकता का प्रभाव

2. पर्यावरण प्रभावित शीलगुण : – वातावरण का प्रभाव

आइजेंक का विशेषक सिद्धांत Eysenck Trait Theory

आइजेंक ने व्यक्तित्व शील गुणों की तीन दशाऐं बताई है जो द्विध्रुवीय ( Bipolar ) है तथा एक – दूसरे के विपरीत है । इस प्रकार आइजेक ने “ आइजेक व्यक्तित्व प्रशनावली ( EPQ ) ” का निर्माण किया ।

1. अन्तर्मुखता – बहिर्मुखता Introversion- Extraversion

2. स्थिरता – अस्थिरता Stability – Instability / स्थिरता – स्नायु विकृत Stability – Neuroticism

3. मनोविक्षिप्तता – आवेग नियन्त्रण / मनोविक्षिप्त- सुपर इगो की क्रियाएँ Psychoticism – Impluse control

आइजेक ने निष्कर्ष रूप में व्यक्तित्व को चार भागों में बांटा

1. अन्तर्मुखी प्रवृत्ति Introversion

2. बहिर्मुखी प्रवृत्ति Extroversion

3. स्नायुविकृत / उन्मादावस्था Neuroticism

4. मनोविक्षिप्त Psychoticism

इनमें से पहले दो प्रकार सामान्य व्यक्तियों के लिए तथा अंतिम दो प्रकार असामान्य व्यक्तियों के लिए प्रयुक्त किये गये हैं।

कोस्टा एवं मैकक्रे ने 5 प्रकार के शील गुणों का वर्णन किया हैं। (शीलगुण के प्रकार)

इनको Big Five Modal के नाम से भी जाना जाता है ।

1. बहिर्मुखता ( Extraversion )

2. सहमतिजन्यता ( Consensual )

3. अन्तः करण की शुद्धता ( Conscience’s clarity )

4. मनः स्ताप ( Neuroses )

5. अनुभवों के प्रति खुलापन ( Openness towards experiences )

व्यक्तित्व के सिद्धांत Theories of Personality

1. मनोविश्लेषणात्मक सिद्धांत / क्लासिकी मनोविश्लेषणवाद : सिग्मंड फ्रॉयड ( यह सिद्धांत बालविकास के अंतर्गत बताया जा चुका है । )

2. नव मनोविश्लेषणात्मक सिद्धांत : युंग , ऐडलर , इरिक इरिक्सन , सुलेवान , अन्ना फ्रॉयड आदि ।

युंग का विश्लेषणात्मक सिद्धांत Analytical Theory of Yung

युंग को नव फ्रॉयडवादी कहा जाता है। फ्रॉयड के शिष्य युंग ने फ्रॉयड के विचारों से असहमत होकर विश्लेषणात्मक सिद्धांत का प्रतिपादन किया।

युग के सिद्धांत की प्रमुख बातें –

1. काम वासना ( Sexuality ) :

युंग ने काम वासना से संबंधित विचार अपनी पुस्तक ‘ The Psychology of the Unconscious ‘ में प्रस्तुत किये । युग के अनुसार बालक का व्यवहार न तो फ्रॉयड के लिविंडो से नियंत्रित होता है और

ना एडलर की रचनात्मक शक्ति से युंग ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति में ‘ अपृथकीकृत जीवन शक्ति ‘ ( Undifferentiated life Energy ) होती है यही शक्ति व्यवहार को प्रभावित करती है ।

2. सामूहिक अचेतन The collective Unconscious

युंग ने अचेतन मन के दो प्रकार बतायें हैं

( i ) व्यक्तिगत अचेतन:-  इसके अंतर्गत व्यक्तिगत इच्छायें , स्मृतियाँ आदि शामिल होती है ।

( ii ) सामूहिक अचेतन : – इसके अंतर्गत वंशानुगत इच्छायें , स्मृतियाँ , प्रेरणायें आदि शामिल होती है । कार्ल युंग ने सामूहिक अचेतन को अधिक ताकतवर माना है ।

3. स्वप्न विश्लेषण Dream Analysis

युग के के अनुसार स्वप्न चेतन , अचेतन व अर्द्धचेतन तीनों का प्रतिरूप है अर्थात् स्वप्न भूत , वर्तमान व भविष्य से संबंधित होते हैं ।

4. उपचार Therapy

युग ने दमित इच्छाओं को जानने के लिए शब्द साहचर्य परीक्षण ( Word ) Association Test ) का निर्माण किया ।

अल्फ्रेड एडलर का व्यक्तिवादी / वैयक्तिक उपागम सिद्धांत  Adler’s Theory of Individual Approach

  • अल्फ्रेड एडलर को वैयक्तिक मनोविज्ञान का जनक माना जाता है ।
  • एडलर के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति अपने – अपने ढंग से महत्त्वपूर्ण बनने का वैयक्तिक प्रयास करता है । इस प्रयास को एडलर ने एक व्यक्ति के जीने का ढंग ‘ ( Life Style of an Individual ) नाम दिया है ।
  • एडलर ने हीनता मनोग्रन्थि की चर्चा की ।

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