रिट्रोट्रान्सपोजोन्स (Retrotransposons), रिट्रोट्रान्सपोजोन्स के प्रकार Type of Retrotransposons
ऐसे स्थानांतरणशील खण्ड जिनकी गति RNA के अनुलेखन (reverse transcription) द्वारा होती है। रिट्रोट्रान्सपोजोन्स कहलाते हैं।।
इन्हें पुनः दो वर्गों से बाँटा गया है
1. रिट्रोवाइरस के समान खण्ड
2. रेट्रोपोजो
1. रिट्रोवाइरस के समान खण्ड (Retrovirus Like Element)
रिट्रोवाइरस के समान खण्ड अनेक जीवों (जैसे यीस्ट, पादप तथा जन्तु) में पाये जाते हैं। संरचना में तथा न्युक्लियोटाइड अनुक्रम का अन्तर होते हुए भी इसकी मूलभूत संरचना समान होती है, जिसमें एक केन्द्रीय कोडिंग क्षेत्र होता है तथा पाश्र्वीय लम्बी अन्तस्थ रिपीट्स (long terminal repeats or LTRs) होती हैं जिनका विन्यास समान दिशा में होता है।
रिपीट अनुक्रम 100 न्यूक्लियोटाइड युग्म लम्बी तथा LTRs व्युत्क्रम रिपीट्स द्वारा घिरी रहती हैं। रिट्रोवाइरस के समान खण्डों के केन्द्रीय कोडिंग क्षेत्र में प्रायः दो जीन्स होते हैं। जो कि रिट्रोवाइरस में उपस्थित gag तथा pol जीन के समजात होते हैं। gag जीन वाइरस के केप्सूल के समान प्रोटीन जबकि pol जॉन रिवर्सट्रान्सक्रिप्टेज/इन्टीग्रेज (reverse transcriptase/integrase) प्रोटीन को कोडित करता है।
रिट्रोवाइरस के समान खण्डों में ये दोनों प्रोटीन स्थानान्तरण प्रक्रिया में अहम भूमिका निभाती हैं।
रिट्रोवाइरस के समान तत्त्व का सर्वोत्तम उदाहरण सैकेरोमाइसिस सिरिवीसी (Saccharomyces ceremisinc) में उपस्थित Ty ट्रांसपोजोन है। यह तत्व लगभग 5.9 Kbp (1kbp 1000 mucleotide) लम्बा होता है तथा LTRs लगभग 340 क्षारीय युग्म लम्बे होते हैं तथा गुणसूत्र के लक्ष्य स्थल में समाकलित होने पर 5 क्षारीय युग्म उत्पन्न करता है।
ज्यादातर यीस्ट में Ty तत्त्व की 35 प्रतियाँ उपस्थित होती है। कभी-कभी इनमें LTRs होते हैं जो Ty तत्त्व से अलग हो जाते हैं ये सोलो LTRS या डेल्टा अनुक्रम कहलाते हैं जो प्रत्यक्ष रूप से Ty तत्त्व के पूर्ण LTRs के पुनयोजन (recombination) द्वारा उत्पन्न होता है।
Ty तत्त्व में उपस्थित TyA तथा TyB जीन्स, रिट्रोवाइरस के gag तथा pol जीन के समजात होते हैं। ये दोनों जीन्स वाइरस के समान कणों को यीस्ट कोशिका में ही उत्पन्न करते हैं।
Ty तत्त्व का DNA, विपरीत अनुलेखन द्वारा RNA को संश्लेषित करता हैं तथा TyB जीन इस RNA को टेम्पलेट के रूप में प्रयुक्त कर द्विस्ट्रेंड DNA को निर्मित करते हैं जो कि कहीं भी नये Ty खण्ड को बनाता है।। ड्रोसोफिला में उपस्थित रिट्रोवाइरस के समान खण्डों को कोपिया ( Copia ) तथा जिप्सी ( Gypsy )
2. रिट्रोपोजोनस Retroposons
DNA के कुछ ऐसे अनुक्रम होते हैं जो स्वयं प्रोटीन कोडित करते हैं तथा RNA के प्रतिलोम अनुलेखन द्वारा उत्पन्न होते हैं । इन अनुक्रमों को रिट्रोपोजन कहते हैं । ये अनुक्रम जब गुणसूत्र में निवेश करते हैं तब ये लक्ष्य बिन्दु ( target site ) पर द्विगुणन करते हैं । इनके समस्त छोरों पर व्युत्क्रम या प्रत्यक्ष रिपीट्स ( inverted or direct repeats ) नहीं पाये जाते ।
इनके एक सिरे पर A : T क्षारीय युग्मों की समाँग अनुक्रम ( homogenous sequence ) होती हैं , जो कि पोली A पूंछ ( Poly A tail ) के व्युत्क्रम अनुलेखन द्वारा उत्पन्न होती हैं तथा रिट्रोट्रान्सपोजोन 3 ‘ सिरे पर RNA के परिपक्वन के दौरान जुड़ती है ।
मनुष्य के L1 रिट्रोपोजोन की खोज हिग काजाजिन एवं साथियों ( Haig kazazianet , 1988 ) द्वारा की गई । जो कि RNA के व्युत्क्रम अनुलेखन से गुणसूत्र 22 पर निवेशित होता है । LI तत्त्व विषमॉगी परिमाप ( heterogenous size ) के हैं तथा प्राय 5 ‘ सिरे पर कटे होते हैं जो जिससे यह दर्शित होता है कि इनकी उत्पत्ति RNA टेम्पलेट पर व्युत्क्रम अनुलेखन द्वारा अपूर्ण DNA संश्लेषण द्वारा होती है।
इन खण्डों की मनुष्य के जीनोम में 50,000 से 1,00,000 प्रतिलिपि पायी जाती है । जो कुल DNA का 5 प्रतिशत होती हैं । इसी प्रकार के खण्डों को अन्य स्तनधारियों में भी प्रेंदिप्त किया गया है ।
टिलोमीयर ऐसोसिएटेड रिट्रोपोजोन्स ( Telomere – associated Retroposons ) HeT तथा TART – ड्रोसोफिला में गुणसूत्रों के टिलोमीयरस पर पाये जाते हैं
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