राजस्थान में वनों के प्रकार, राजस्थान में वन Types of Forests in Rajasthan in Hindi
वर्ष 1949-50 में राजस्थान के कुल भौगोलिक क्षेत्रफल के 13% भूभाग कर वन पाए जाते थे। राजस्थान में बहुत पहले से ही वनों पर काफी ध्यान दिया जा रहा है सन 1910 में स्वतंत्रता से पूर्व जोधपुर रियासत ने वन संरक्षण की योजना बनाई थी। स्वतंत्रता से पूर्व में ही 1935 में अलवर रियासत में भी वन अधिनियम बनाया जाए और स्वतंत्रता के बाद पहली बार 1953 में वन अधिनियम पारित किया गया। और राजस्थान की प्रथम वन नीति 17 फरवरी 2010 को घोषित की गई थी
इस नीति के अनुसार राज्य के संपूर्ण भूभाग के लगभग 20% हिस्से में वृक्षाच्छादित करने का लक्ष्य रखा गया है। राजस्थान में वनों का वितरण असमान है राज्य में पश्चिमी भाग में अत्यंत कम वन पाए जाते हैं, राजस्थान में अधिकतर वन दक्षिण व दक्षिणी पूर्वी भाग में पाई जाती है। राज्य की कुल 1 क्षेत्र का लगभग 50% भाग उदयपुर प्रतापगढ़ चित्तौड़गढ़ बारां अलवर करौली सिरोही व बूंदी में पाए जाते हैं।
राजस्थान में वन क्षेत्र
क्रम संख्या | स्थिति | क्षेत्रफल (वर्ग किमी) | प्रतिशत |
1 | आरक्षित वन | 12252.28 | 37.30 |
2 | रक्षित वन | 18494.97 | 56.31 |
3 | अवर्गीकृत वन | 2098.05 | 6.39 |
कुल योग | 32845.30 | 100 |
आरक्षित वन
इस प्रकार के बनाने लकड़ी काटने हुए पशु चराने पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध होता है। आरक्षित वनों का कुल क्षेत्रफल 12252.28 वर्ग किलोमीटर है। आरक्षण वनों का कुल 37.30% है
रक्षित वन
रक्षित वनो में लकड़ी काटने व पशु चारण की सीमित मात्रा होती है। रक्षित वन का कुल क्षेत्रफल 18494.97 वर्ग किलोमीटर है। राजस्थान में रक्षित वनो का कुल प्रतिशत 56.31 है।
अवर्गीकृत वन
राजस्थान में अवर्गीकृत वन का कुल क्षेत्रफल 2098.05 वर्ग किलोमीटर है। अवर्गीकृत वन में किसी भी प्रकार का कोई प्रतिबंध नहीं होता है। अवर्गीकृत वन का कुल प्रतिशत 6.39% है।
राजस्थान में वन का कुल क्षेत्रफल 32845.30 वर्ग किलोमीटर है। राजस्थान राज्य के 9.59% पर वन है।
राजस्थान में वनों के प्रकार
क्रसं | वनों के प्रकार | कुल वन क्षेत्र का प्रतिशत |
1 | शुष्क सागवान वन | 5.63 |
2 | शुष्क उष्णकटिबंधीय धौक वन | .21 |
3 | उतरी उष्णकटिबंधीय शुष्क पतझड़ मिश्रित वन | 40.7 |
4 | उष्णकटिबंधीय कांटेदार वन | 10.96 |
5 | अर्द्ध उष्णकटिबंधीय सदाबहार वन | .02 |
6 | अन्य वन | 42.48 |
कुल वन | 100 |
शुष्क सागवान वन (Dry Teak Forests)
शुष्क सागवान वन 75 से 110 से.मी. वार्षिक वर्षा वाले क्षेत्रों में पाए जाते हैं । राजस्थान में मुख्यत : बांसवाड़ा में ये सघन रूप में पाए जाते हैं । इसके अलावा प्रतापगढ़ , डूंगरपुर , दक्षिणी उदयपुर , आबू पर्वत के कुछ भाग तथा बारा , कोटा व झालावाड़ जिलों में भी सागवान के वन चौड़ी पत्ती वाले अन्य वृक्षों के साथ मिश्रित रूप में पाए जाते हैं । इन वनों का मुख्य वृक्ष देशी सागवान है । इसलिए इन्हें सागवान वन कहते हैं । इनमें पाए जाने वाले अन्य वृक्ष बरगद , आम , तेंदू , गूलर , महुआ , साल , खैर आदि हैं । शुष्क सागवान वन राज्य के कुल वन क्षेत्र के लगभग 6.86 प्रतिशत भाग में विस्तृत हैं ।
उष्ण कटिबंधीय शुष्क या मिश्रित पतझड़ वन (Mixed Decidious Forests)
इस प्रकार के वन दक्षिणी एवं दक्षिणीपूर्वी अरावली के मध्यम ऊँचाई वाले ढालों , जहाँ वर्षा का वार्षिक औसत 50 से 80 सेमी . रहता है , में पाए जाते हैं । इस प्रकार के वन उदयपुर , बांसवाड़ा , सिरोही , राजसमंद , चित्तौड़ , भीलवाड़ा , सवाई माधोपुर , कोटा , बाराँ , झालावाड़ , डूंगरपुर व बूंदी जिलों में सर्वाधिक हैं तथा जयपुर , अजमेर , भरतपुर , धौलपुर , अलवर आदि जिलों में अधिक कटाई के कारण ये वन बहुत कम मात्रा में रह गए हैं ।
इस प्रकार के वनों के मुख्य वृक्ष – आम , खैर , ढाक , धोकड़ा , गुलर , बरगद , तेंदू , सेमल , साल , बाँस , केर , ओक , थोर आदि हैं । इन वनों के वृक्ष वर्ष में एक बार ( सामान्यत : मार्च अप्रैल में ) अपने पत्ते गिराते हैं । ढाक या पलास वन सभी नदी घाटियों में जहाँ सागवान के वृक्ष पाये जाते हैं , मुख्य रूप से मिलते हैं । राज्य के कुल वनों का 28.38 ( 28.4 % ) प्रतिशत क्षेत्र इन वनों से आच्छादित है ।
उपोष्ण कटिबंधीय सदाबहार वन (Sub Tropical Evergreen Forests)
ये वन सिरोही जिले में केवल आबू पर्वत के चारों ओर 52 किमी . क्षेत्र में लगभग 150 सेमी या अधिक वार्षिक वर्षा व अधिक ऊँचाई वाले क्षेत्रों में पाए जाते हैं । ये वन सघन तथा वर्ष भर हरे भरे रहते हैं । यह वानस्पतिक विविधता की दृष्टि से राज्य का सर्वाधिक सम्पन्न क्षेत्र है । यहाँ मुख्यतः सिरस , बाँस , बेल , जामुन , रोहिड़ा आदि वृक्ष पाए जाते हैं । इन वनों में वानस्पतिक विविधता सर्वाधिक संपन्न रूप में है । इस प्रकार के वनों का क्षेत्र मात्र 0.39 प्रतिशत ही है ।
शुष्क या मरुस्थलीय वन (Dry Forests)
राज्य के मरुस्थलीय क्षेत्रों , जहाँ वर्षा का वार्षिक औसत 25 सेमी से भी कम पाया जाता है , केवल खारे , दलदली व नमी वाले निचले क्षेत्रों , बस्तियों व कुँओं के आसपास कंटीली झाड़ियों , घास एवं वृक्षों के रूप में इस प्रकार के वन पाए जाते हैं । इन वनों की मुख्य वनस्पति खेजड़ी , बबूल , थूहर , केर , कोकर , बेर , फोग , रोहिड़ा व अन्य कंटीली झाड़ियाँ तथा सेवण , धामन , मुरात , अंजन , करड़ , सिरकानियाँ आदि घास हैं ।
इन वनों के वृक्ष व झाड़ियों की जड़ें मोटी व लम्बी , तने कंटीले , छाल मोटी , पत्तियाँ छोटी , चिकनी व गूदेदार होती है ताकि वाष्पोत्सर्जन कम हो । ये वन राज्य के कुल वन क्षेत्र का मात्र 6.26 प्रतिशत क्षेत्र में विस्तृत हैं । ये वन जैसलमेर , बाड़मेर , बीकानेर , जोधपुर , नागौर , चुरू , सीकर , झुंझुनूं , जालौर , गंगानगर व हनुमानगढ़ जिलों में पाए जाते हैं ।
जिन क्षेत्रों में नहरी पानी आ गया है वहाँ अन्य प्रकार के वृक्ष व फलदार पेड़ – पौधे भी पाए जाते हैं । मरुस्थलीय क्षेत्रों की शुष्क वनस्पति को मरुद्भिद ( Xerophytes ) कहते हैं । जैसलमेर से पोकरण व मोहनगढ़ तक पाकिस्तानी सीमा के सहारे – सहारे एक चौड़ी भूगर्भीय जल पट्टी , जिसे ‘ लाठी सीरीज क्षेत्र ‘ कहा जाता है , में उपयोगी सेवण घास अत्यधिक मात्रा में उगती है ।
अर्द्धशुष्क उष्ण कटिबंधीय धोक वन semi-arid tropical dhoka forest
ये वन अरावली के पश्चिमवर्ती अर्द्धशुष्क क्षेत्रों , यथा सोकर , झुंशन , जालौर . जोधपुर के पूर्ववर्ती भाग तथा टोंक , सवाईमाधोपुर , जयपुर आदि क्षेत्रों जहाँ वर्षा का वार्षिक औसत 50 से 60 सेमी रहता है तथा समुद्रतल से ऊँचाई 245 मी . से 760 मी . तक है , में पाए जाते हैं ।
इनमें मुख्यत : धोकड़ा , बबूल , खेजड़ी , रोहिड़ा , धृतर करून आदि वृक्ष व झाडियाँ मिलती है । साथ ही कस्बों व गांवों के आसपास पीपल , नीम , बड़ , अशोक आदि वृक्ष भी पाए जाते हैं । शुक व अद्धशुष्क वनों का क्षेत्र राज्य के कुल वनों का लगभग 58.11 प्रतिशत ( 19027 वर्ग किमी क्षेत्र में ) है । राज्य में धोकड़ा वन सर्वाधिक हैं । इन वनों का प्रमुख वृक्ष धोकड़ा है ।
राजस्थान के शीर्ष पांच वनावरण वाले जिले
जिला | कुल वन क्षेत्रफल (वर्ग किमी) |
उदयपुर | 2757.54 |
अलवर | 1196.66 |
प्रतापगढ़ | 1037.91 |
बारां | 1010.99 |
चित्तौड़गढ़ | 988.80 |
राजस्थान के न्यूनतम पांच वनावरण वाले जिले
जिला | कुल वन क्षेत्रफल (वर्ग किमी) |
चूरू | 82 |
हनुमानगढ़ | 89.96 |
जोधपुर | 107.92 |
गंगानगर | 112.92 |
दौसा | 117 |
राजस्थान के शीर्ष पांच वन आवरण प्रतिशत वाले जिले
जिला | कुल वन क्षेत्रफल (वर्ग किमी) |
उदयपुर | 23.51 |
प्रतापगढ़ | 23.33 |
सिरोही | 17.76 |
करौली | 15.75 |
बारां | 14.46 |
राजस्थान के न्यूनतम पांच वन आवरण प्रतिशत वाले जिले
जिला | कुल वन क्षेत्रफल (वर्ग किमी) |
जोधपुर | .47 |
चूरू | .59 |
नागौर | .83 |
बीकानेर जैसलमेर | .85 |
हनुमानगढ़ | .93 |