राजस्थान के भौतिक प्रदेश PDF, राजस्थान का भौगोलिक विभाजन, राजस्थान का भूगोल PDF Physical region of Rajasthan, Geographical division of Rajasthan
राजस्थान के भौतिक प्रदेश को चार भागों में विभक्त किया गया है जो निम्नलिखित है
- उत्तरी पश्चिमी मरुस्थलीय प्रदेश
- पूर्वी मैदानी भाग
- अरावली पर्वतीय प्रदेश
- दक्षिण पूर्वी पठार या हाडोती का पठार या लावा का पठार
प्रो. वी सी मिश्रा ने राजस्थान 7 भौगोलिक प्रदेशों में बांटा है
राजस्थान के भौगोलिक प्रदेश rajasthan ka bhogolik vibhajan
1. राजस्थान का उत्तरी पश्चिमी मरुस्थलीय प्रदेश North West desert region of Rajasthan
उत्तरी पश्चिमी मरुस्थलीय प्रदेश को थार के मरुस्थल के नाम से भी जाना जाता है। थार का मरुस्थल टेथिस सागर का विशेष है जो ग्रेट इंडियन डेजर्ट के नाम से जाना जाता है , अरावली पर्वतमाला के पश्चिम में स्थित क्षेत्र को पश्चिमी रेतीली भूमि कहते हैं जिसका आधार लगभग 213688 वर्ग किलोमीटर है
उत्तर-पश्चिम मरुस्थलीय प्रदेश को दो भागों में बांटा गया
1. शुष्क मरुस्थल प्रदेश
2. अर्द्ध शुष्क मरुस्थल प्रदेश
कुल क्षेत्रफल | 61.11% |
कुल जनसंख्या | 40% |
वर्षा | 20 से 50 सेंटीमीटर |
जलवायु | शुष्क और विषम जलवायु |
मिट्टी | रेतीली बलुई मिट्टी |
राजस्थान में उत्तरी पश्चिमी मरुस्थलीय प्रदेश लगभग दो तिहाई क्षेत्रफल में फैला हुआ है । यह राजस्थान का क्षेत्रफल के अनुसार सबसे विशाल भौतिक प्रदेश है. रेगिस्तान में रेत के विशाल लहरदार टीले धौरे कहलाते हैं। आखरी पेशी मरुस्थलीय प्रदेश राज्य के कुल क्षेत्रफल का 61.11% है। जिसमें राजस्थान की 40% जनसंख्या निवास करती है ।
उत्तरी पश्चिमी मरुस्थलीय प्रदेश में 20 से 50 सेंटीमीटर वर्षा होती है इस प्रदेश में शुष्क और अत्यधिक विषम जलवायु व रेतीली बलुई मिट्टी पाई जाती है उत्तरी पश्चिमी मरुस्थलीय प्रदेश विश्व का सर्वाधिक आबादी है व जन घनत्व वाला मरुस्थल है इस मरुस्थल प्रदेश में सर्वाधिक जैव विविधता पाई जाती है अर्द्ध शुष्क मरुस्थल प्रदेश को चार भागों में बांटा गया है
- बांगर प्रदेश या शेखावाटी प्रदेश
- घग्गर का मैदान
- उच्च नागोरी प्रदेश
- गोडवाड़ प्रदेश या लूनी बेसिन
राजस्थान के उत्तरी पश्चिमी मरुस्थलीय प्रदेश के महत्वपूर्ण तथ्य Important facts of North West desert region of Rajasthan
- अर्धचंद्राकार विशेष आकृति के बालू के टीले बरखान कहलाते हैं
- बरखान के बीच का मार्ग गारो कहलाता है
- शेखावाटी क्षेत्र में स्थानीय भाषा में कुए को जोहड कहते हैं घास के मैदान को बीड़ कहते हैं
- राजस्थान में नागौर से अजमेर के मध्य कुबड़ पट्टी पाई जाती है
2. राजस्थान का पूर्वी मैदानी भाग Eastern Plains of Rajasthan
कुल क्षेत्रफल | 23% |
कुल जनसंख्या | 39% |
वर्षा | 50 – 80 CM |
जलवायु | आर्द्र जलवायु |
मिट्टी | जलोढ़ दोमट |
पूर्वी मैदानी भाग राज्य के कुल क्षेत्रफल का 23% है। जहां पर राज्य की 39% जनसंख्या निवास करती है पूर्वी मैदानी भाग में 50 – 80 सेंटीमीटर वर्षा होती है । राजस्थान के पूर्वी मैदानी प्रदेश में आर्द्र जलवायु व जलोढ़ दोमट मिट्टी पाई जाती है इस प्रदेश में सर्वाधिक जनसंख्या निवास करती है
पूर्वी मैदानी भाग को चार भागों में बांटा गया है
- चंबल बेसिन
- माही बेसिन
- बनास बेसिन
- बाणगंगा का मैदान
3. राजस्थान का अरावली पर्वतीय प्रदेश Aravalli hill region of Rajasthan
कुल क्षेत्रफल | 9% |
कुल जनसंख्या | 10% |
वर्षा | 50-90 CM |
जलवायु | उपआद्र जलवायु |
उद्भव | कैंब्रियन युग |
अरावली पर्वत गोंडवाना लैंड का अवशेष है अरावली पर्वत श्रंखला का शाब्दिक अर्थ चोटियों की पंक्ति है जो सबसे प्राचीनतम वलित पर्वत श्रंखला है जिसका उद्भव कैंब्रियन युग के पूर्व हुआ लेकिन संरचनात्मक दृष्टि से अरावली पर्वत श्रंखला देहली क्रम की है अरावली पर्वतमाला की शुरुआत पालनपुर गुजरात से होती है जबकि इसका अंत दिल्ली के रायसीन पहाड़ी पर होता है राजस्थान में अरावली पर्वतमाला खेडब्रह्मा ( सिरोही ) से खेतड़ी ( झुंझुनू ) तक फैली हुई है। अरावली पर्वतमाला की कुल लंबाई 692 किलोमीटर है जिसमें से राजस्थान में अरावली पर्वतमाला की कुल लंबाई 550 किलोमीटर है
अरावली पर्वतीय प्रदेश राज्य के कुल क्षेत्रफल का 9% है जहां पर राज्य की 10% जनसंख्या निवास करती है इस प्रदेश में 50 से 90 सेंटीमीटर वर्षा होती है और अरावली पर्वतीय प्रदेश में उप आद्र जलवायु पाई जाती है। अरावली पर्वत माला का राज्य में सर्वाधिक विस्तार दक्षिणी राजस्थान में उदयपुर में तथा सबसे कम विस्तार मध्य राजस्थान अजमेर में है। अरावली पर्वतमाला भारतीय महान जल विभाजक रेखा का कार्य करती है अरावली पर्वतमाला राजस्थान को दो भागों में बांटती है अरावली पर्वतमाला की सबसे ऊंची चोटी गुरु शिखर जोकि सिरोही में स्थित है और इसकी कुल लंबाई 1722 मीटर
4. राजस्थान का दक्षिण पूर्वी पठार या हाड़ौती का पठार या लावा का पठार South Eastern plateau of Rajasthan or Hadoti plateau or Lava plateau
कुल क्षेत्रफल | 6.89% |
कुल जनसंख्या | 11% |
वर्षा | 80 से 120 सेंटीमीटर |
जलवायु | शुष्क और विषम जलवायु |
मिट्टी | काली मिट्टी |
राजस्थान के दक्षिणी पूर्वी पठार को हाड़ौती का पठार और लावा का पठार के नाम से भी जाना जाता है। यह मालवा के पठार ( अरावली पर्वतमाला विंध्याचल पर्वतमाला के मध्य मालवा का पठार स्थित है जिसकी मिट्टी का रंग काला है जो बालों का पत्र की चट्टानों से निर्मित है ) का हिस्सा है। दक्षिण पूर्वी पठार प्रदेश राज्य के कुल क्षेत्रफल का 6.89% है इस प्रदेश में राज्य की 11% जनसंख्या निवास करती है किस प्रदेश में 80 से 120 cm होती है
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Q राजस्थान की भौगोलिक स्थिति क्या है?
राजस्थान का विस्तार 23°03′ उत्तरी अक्षांश से 30°12′ उत्तरी अक्षांश तक व 69°30′ पूर्वी देशांतर से 78°17′ पूर्वी देशांतर तक है।