भारत छोड़ो आंदोलन Quit India Movement
- 8 अगस्त 1948 को पूरे भारत में गांधी जी द्वारा अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत की, इस आंदोलन ने ब्रिटिश सरकार की नीव को पूरी तरह से हिला दिया था, वहीं दूसरी तरफ भारत की जनता को यह बता दिया है कि अब स्वतंत्रता दूर नहीं
- गांधीजी पहले भी सविनय अवज्ञा आंदोलन सांगठनिक कार्यों जैसे अभियानों से आंदोलन का वातावरण निर्मित कर चुके थे।
- भारत छोड़ो आंदोलन को अगस्त क्रांति भी कहा जाता है
- गांधीजी ने ग्वालिया टैंक मैदान से करो या मरो का नारा दिया
- भारत छोड़ो का नारा युसूफ मेहरली ने दिया
भारत छोड़ो आंदोलन के कारण Reasons for Quit India Movement
भारत छोड़ो आंदोलन के निम्नलिखित कारण थे
- क्रिप्स मिशन और अगस्त प्रस्ताव की विफलता- आंदोलन का तात्कालिक कारण क्रिप्स मिशन का असफल होना था, इस मिशन से पता चल गया था कि अंग्रेज सरकार युद्ध के दौरान या बाद में रियायत देने को तैयार नहीं है तथा यह बात स्पष्ट हो गई कि भारतीयों की चुप्पी उनके भविष्य को ब्रिटेन के हाथों सौंपने के समान होगी
- मूल्य में वृद्धि तथा चावल नमक जैसे आवश्यक चीजों के अभाव से अंग्रेज सरकार के प्रति जनता में तीव्र असंतोष था, ब्रिटिश सरकार ने उड़ीसा और बंगाल की नावों को भी जप्त कर लिया था
- भारत छोड़ो आंदोलन औपनिवेशक शासन के विरुद्ध प्रतिक्रिया थी
- भारतीयों को जापान के द्वारा ब्रिटेन को पराजित करने से अपने ऊपर जापानियों के नियंत्रण का खतरा महसूस होने लगा था।
- जनता के पास संघर्ष के लिए पर्याप्त ऊर्जा व उत्साह था
भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत एवं विस्तार Start and Expansion of Quit India Movement
- 8 अगस्त 1942 को बंबई के ग्वालिया टैंक मैदान ( जिसे वर्तमान में अगस्त क्रांति मैदान के नाम से जाना जाता है ) में मौलाना अबुल कलाम आजाद की अध्यक्षता वाली अखिल भारतीय कांग्रेस ने 14 जुलाई 1942 को प्रस्तावित हुए भारत छोड़ो आंदोलन को कुछ संशोधन के साथ स्वीकार कर लिया।
- वर्धा की इसी बैठक में गांधी जी ने करो या मरो का नारा दिया जिसका अर्थ था भारत की जनता भारत को आजाद कराएं या उसके कोशिश में अपनी जान दे दे
- 9 अगस्त 1942 को ब्रिटिश सरकार ने ऑपरेशन जीरो ओवर के तहत कांग्रेस को अवैध घोषित करके सभी बड़े नेताओं को गिरफ्तार कर लिया और कांग्रेस की संपति को जप्त कर लिया
- इसी आंदोलन के दौरान देश के कई इलाकों में ब्रिटिश शासन समाप्त हो गया और समानांतर सरकार स्थापित हो गई
- भारत छोड़ो आंदोलन के समय इंग्लैंड का प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल था
- कई नेताओं ने भूमिगत रहकर भारत छोड़ो आंदोलन का नेतृत्व किया
भारत छोड़ो आंदोलन के चरण Stages of Quit India Movement
भारत छोड़ो आंदोलन के तीन चरण थे।
पहला चरण
पहले चरण में शहरी विद्रोह, हड़ताले, बहिष्करण और धरने किए गए लेकिन इसे ब्रिटिश सरकार द्वारा जल्द दबा दिया गया
पूरे भारत देश में श्रमिकों ने काम करना बंद कर दिया और हड़ताल, प्रदर्शन किए गए
दूसरा चरण
दूसरे चरण में रेलवे ट्रैक और स्टेशन टेलीग्राफ तार व सरकारी भवनों पर हमला तथा किसान विद्रोह किया गया
तीसरा चरण
तीसरे चरण में अलग-अलग इलाकों में समानांतर सरकारों या राष्ट्रीय सरकारों का गठन किया गया
भारत छोड़ो आंदोलन का प्रभाव Effect of Quit India Movement
- भारत छोड़ो आंदोलन बिना दिशा निर्देश के पूरे देश में अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग व्यक्तियों के द्वारा संचालित किया जा रहा था
- इस आंदोलन में कहीं जगह पर ही हिंसात्मक रूप ले लिया था
- भारत छोड़ो आंदोलन में युवाओं की और आम जनता की जबरदस्त भागीदारी रही थी जिसने इस आंदोलन में उर्जा भर दी थी
- इस आंदोलन में कई महिलाओं ने भाग लिया अरूणा आसफ अली, उषा मेहता, सुचेता कृपलानी आदि महिलाओं ने अपनी भूमिका अदा की
- डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने इस आंदोलन को अपना समर्थन नहीं दिया
भारत छोड़ो आंदोलन का महत्व Importance of Quit India Movement
1857 के विद्रोह के बाद 1942 में अंग्रेजों के विरुद्ध उठने वाला सर्व व्यापक आंदोलन था
इस आंदोलन को दबाने के लिए ब्रिटिश सरकार को अपनी पूरी शक्ति लगानी पड़ गई इस आंदोलन से अंग्रेजों को समझ आ गया कि भारतीयों को अधिक समय तक पराधीन नहीं रखा जा सकता
भारत छोड़ो आंदोलन की सफलता Success of Quit India Movement
- राष्ट्रवाद का उदय – भारत छोड़ो आंदोलन के कारण देश में आपसी एकता और भाईचारे की भावना पैदा हुई
- महिलाओं की भागीदारी – इस आंदोलन में महिलाओं का जबरदस्त प्रदर्शन देखा गया महिलाओं ने इस आंदोलन में उर्जा भर दी
- स्वतंत्रता का मार्ग – भारत छोड़ो आंदोलन के पश्चात ब्रिटिश सरकार को एहसास हो गया कि भारतीयों को अब ज्यादा समय तक नियंत्रित नहीं किया जा सकता।
भारत छोड़ो आंदोलन की असफलता Failure of Quit India Movement
- आंदोलन में कुछ जगहों पर हिंसा देखी गई जो पहले निर्धारित नहीं था
- आंदोलन को अंग्रेजों द्वारा हिंसक रूप से दबा दिया गया
- समर्थन का अभाव
- विभिन्नताओं की उत्पत्ति के कारण
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FAQ
1. भारत छोड़ो आंदोलन कब हुआ
भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत 8 अगस्त 1942 को हुई थी
2. भारत छोड़ो आंदोलन के समय भारत का वायसराय कौन था
भारत छोड़ो आंदोलन के समय लॉर्ड लिनलिथगो भारत का वायसराय था