क्या है बरमूडा ट्रायंगल

क्या है बरमूडा ट्रायंगल what is the bermuda triangle in Hindi

बरमूडा ट्रायंगल यह उत्तरी अमेरिका में स्थित अटलांटिक महासागर में फ्लोरिडा ,बरमूडा तथा प्यूर्टोरिको इन तीनों स्थितियों को जोड़ने वाली त्रिभुजाकार संरचना है जिसमें तथा उसके आसपास कोई भी जहाज या व्यक्ति जाने पर पानी में हलचल होती है तूफान आता है और अंततः जहाज डूब जाता है कोई भी जहाज या व्यक्ति इस स्थान पर तेर नहीं पाता है तथा हवाई जहाज इसके ऊपर से उड़ नहीं पाता है अब तक बरमूडा ट्रायंगल में लगभग 50 जहाज वह 20 हवाई जहाज डिसअपीयर्ड हो चुके हैं।

बरमूडा ट्रायंगल में घटित घटनाएं और कहानियां Events and stories from the Bermuda Triangle

1498 इसी में जब क्रिस्टोफर कोलंबस इस एरिया से जा रहे थे तो उन्होंने अपनी पुस्तक में इसके बारे में लिखा कि मौसम में अचानक परिवर्तन होता है बादलों का तड़कना हुआ समुद्री लहरें उठने लगती हैं तथा उनका जहाज diss बैलेंस होने लगा । कोलंबस ने माना कि दिशा सूचक यंत्र कम्पास भी इस जगह काम करना बंद कर देता है।

1964 में विन्सन गेडीज ने अपनी पुस्तक में बताया कि किस तरह बरमूडा ट्रायंगल जहाज को निगंलता है इंजन काम करना बंद कर देता है । जहाज डूब जाता है व्यक्तित्व तेर नहीं पाता है तथा डूबकर मर जाता है इसलिए इस ट्रायंगल को the Deadly Triangle भी कहा गया।

अगस्त 1942 में अमेरिकी नौसेना की जहाज जब इस ट्रायंगल से निकल रही थी तब उनका संपर्क अचानक रेडियो स्टेशन से टूट जाता है उनका नेवीगेशन सिस्टम फेल हो जाता है उसमें लगे इंस्ट्रूमेंट काम करना बंद कर देते हैं तथा उनका कम्पास भी काम करना बंद कर देता है और अंततः उनका जहाज पूरी तरह ध्वस्त हो जाता है जिसको खोजने के लिए 2 दिन बाद रेस्क्यू टीम पहुंचती हैं तो रेस्क्यू टीम का भी पता नहीं चलता।

इसके 6 महीने बाद दिसंबर 1942 को फिर से अमेरिकी हवाई जहाज यहां से उड़ान भरता है तो हवाई जहाज का नेविगेशन सिस्टम काम नहीं करता था उनका कम्पास भी दिशा नहीं बता रहा था यह हवाई जहाज भी कहीं ध्वस्त हो जाता है जब इसके पीछे जो रेस्क्यू टीम गई उसका भी आज तक पता नहीं चला कि वह कहां गई।

1970 ईस्वी में ब्रूस गेर्नल जब बरमूडा ट्रायंगल से लौटकर आए तो उन्होंने बताया कि वहां क्या-क्या घटनाएं घटित हुई उन्होंने बताया कि जब वहां पहुंचे तो अचानक मौसम बिगड़ गया तथा सामने बादलों का एक कोहरा छा गया जब इस बादलों की गुफा में से जहाज अंदर गया तो इनकी radio-frequency, रडार, सोनार सब काम करना बंद कर देते हैं तथा उनके हवाई जहाज की रफ्तार 3 मिनट के लिए 150 km/hr की दूरी तय कर बाहर निकल जाता है यानी उस समय 3 मिनट में हवाई जहाज की रफ्तार 3000 किलोमीटर/घंटा हो जाती है। उसके बाद हवाई जहाज safely land हो जाता है।

बरमूडा ट्रायंगल का असली रहस्य क्या है What is the real secret of the Bermuda Triangle

बरमूडा ट्रायंगल ना तो कोई भूतिया जगह है और ना ही कोई magic है। वैज्ञानिकों ने बताया कि बरमुंडा ट्रायंगल के नीचे समुद्र में ज्वालामुखियांहै जब भी ज्वालामुखी विस्फोट होती है तो कुछ जहरीली गैसे जैसे कि मीथेन गैस आदि निकलती है । गैस जब पानी में मिलती हैं तो पानी की density या घनत्व घटा देती है density घटने से जहाज आदि वस्तुएं डूबने लगती है तथा व्यक्ति भी तैर नहीं पाता है।

दूसरा कारण बरमुंडा ट्रायंगल के आसपास के एरिया में छोटे-छोटे V – shape में समुद्री पहाड़ है जब हवाएं इन पहाड़ों से टकराती है तो टकराने के बाद में भंवर में बदलकर चक्रवात का रूप धारण कर लेती हैं और बवंडर बनकर घूमने लगती हैं जब कोई जहाज इनके लपेटे में आ जाती है तो वह घूम कर डूब जाती हैं

पानी के जहाज के डूबने का तीसरा कारण समुद्र में पाई जाने वाली पहाड़ों की रिज/ कटक के होने से है जो इटली व तुर्की के आसपास ज्यादा है जिनसे जहाज टकराकर नष्ट हो जाते हैं।

हवाई जहाज की दुर्घटना के पीछे सबसे बड़ा कारण है हेक्सागोनल क्लाउड का होना। जो 6 सतह वाला बादल होता है जिसे सर्वप्रथम से सेटर्न ग्रह पर देखा गया इन बादलों में हवाएं इतनी तेज चलती है कि 250km/hr की चाल से हवाएं चलती हैं जिनसे निकलने पर हवाई जहाज अनबैलेंस हो जाता है और नेविगेशन सिस्टम फेल हो जाता है।

भारत का बरमुंडा ट्रायंगल India’s Bermunda Triangle

भारत के उड़ीसा में भी अमारडा एयरस्ट्रिप पर 200 से अधिक अमेरिकी जहाज टकरा चुकी है जहां से द्वितीय विश्व युद्ध के समय अमेरिकी जहाजे लैंड करती थी यह एक मिलिट्री एरिया था यह भारत का बरमुंडा ट्रायंगल है।

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