राजस्थान में प्रजामंडल आंदोलन, प्रजामंडल आंदोलन का महत्व, राजस्थान में प्रजामंडल की स्थापना [Prajamandal Movement in Rajasthan In Hindi]
राजस्थान में लाग-बाग बैठ-बेगार, चुंगी करो को लेकर स्थानीय जनता द्वारा आंदोलन किए गए
प्रजामंडल का नाम | गठन | अध्यक्ष |
जयपुर प्रजामंडल | जमना लाल बजाज | कपूरचंद पाटनी |
मारवाड़ प्रजामंडल | जय नारायण व्यास | भंवरलाल सर्राफ |
मेवाड़ प्रजामंडल | माणिक्य लाल वर्मा | बलवंत सिंह मेहता |
बीकानेर प्रजामंडल | मेघाराम | मेघाराम |
कोटा प्रजामंडल | पंडित नयनू राम शर्मा | पंडित नयनू राम शर्मा |
जैसलमेर प्रजामंडल | मीठा लाल व्यास | मीठा लाल व्यास |
मेवाड़ प्रजामंडल
24 अप्रैल 1938 को माणिक्य लाल वर्मा ने उदयपुर में प्रजामंडल की स्थापना की, मेवाड़ प्रजामंडल का मुख्य उद्देश्य प्रजा के आर्थिक व राजनीतिक समस्याओं को दूर करना था।
मेवाड़ प्रजामंडल | |
प्रथम सभापति | बलवंत सिंह मेहता |
महामंत्री | माणिक्य लाल वर्मा |
उपाध्यक्ष | भूरेलाल बयां |
अन्य सदस्य | मोहनलाल सुखाड़िया, दयाशंकर, हीरालाल कोठारी, भवानी शंकर |
इस प्रजामंडल में माणिक्य लाल वर्मा की पत्नी नारायणी देवी वर्मा भी जुड़ी हुई थी।
मेवाड़ प्रजामंडल को 11 मई 1938 को गैरकानूनी घोषित कर दिया गया।
25-26 नवंबर 1941 को मेवाड़ प्रजामंडल का प्रथम अधिवेशन हुआ इसके अध्यक्ष माणिक्य लाल वर्मा जी उद्घाटन करता जे बी कृपलानी थे।
18 अप्रैल 1948 को उदयपुर राज्य का राजस्थान में विलय हो गया।
मारवाड़ प्रजामंडल
1920 के बाद मारवाड़ में उत्तरदायी शासन की स्थापना एवं नागरिक अधिकारों की मांग होने लग गई, मारवाड़ क्षेत्रफल के दृष्टिकोण से राजस्थान का सबसे बड़ा राज्य था।
जय नारायण व्यास द्वारा 1920 में मारवाड़ सेवा संघ नामक पहली राजनीतिक संस्था की स्थापना की।
1923 में मारवाड़ हितकारिणी सभा की स्थापना।
जय नारायण व्यास द्वारा 10 मई 1920 को मारवाड़ी यूथ लीग की स्थापना की गई।
1934 में जय नारायण व्यास द्वारा जोधपुर प्रजामंडल की स्थापना की गई इसके प्रथम अध्यक्ष भंवरलाल सर्राफ थे।
30 मार्च 1949 को जोधपुर रियासत का राजस्थान में विलय हो गया।
जयपुर प्रजामंडल
1931 में कपूरचंद पाटनी जमना लाल बजाज के प्रयासों से जयपुर प्रजामंडल की स्थापना हुई।
1905 अर्जुन लाल सेठी ने जैन शिक्षा प्रचारक समिति की स्थापना की.
1936-37 में जमुनालाल बजाज द्वारा जयपुर प्रजामंडल का पुनर्गठन किया गया।
1942 में जयपुर रियासत के प्रधानमंत्री सर मिर्जा इस्माईल व जयपुर प्रजामंडल के तत्कालीन अध्यक्ष श्री हीरालाल शास्त्री के मध्य जेंटलमैन एग्रीमेंट हुआ।
कोटा प्रजामंडल
पंडित नयनूराम शर्मा द्वारा 1934 हाडोती प्रजामंडल की स्थापना की लेकिन इस के निष्क्रिय होने के कारण 1939 में नयनूराम शर्मा और अभिन्न हरी के सहयोग से कोटा राज्य प्रजामंडल की स्थापना की गई।
इसका प्रथम अधिवेशन 14 अक्टूबर 1939 को हुआ जिसकी अध्यक्षता पंडित नयनूराम शर्मा के द्वारा की गई।
दूसरे अधिवेशन की अध्यक्षता अभिन्न हरी द्वारा 1941 में की गई
बीकानेर प्रजामंडल
बीकानेर प्रजामंडल की स्थापना मेघाराम द्वारा की गई।
अलवर प्रजामंडल
अलवर प्रजामंडल की स्थापना 1938 में कुंज बिहारी लाल मोदी वह हरिनारायण शर्मा द्वारा की गई।
भरतपुर प्रजामंडल
1938 में भरतपुर प्रजामंडल की स्थापना की गई।
धौलपुर प्रजामंडल
1936 ईस्वी में धौलपुर प्रजामंडल की स्थापना की गई। 18 मार्च 1948 को मत्स्य संघ में धौलपुर का विलय हो गया।
करौली प्रजामंडल
1938 में मुंशी त्रिलोक चंद माथुर द्वारा करौली प्रजामंडल की स्थापना की गई 1939 में करौली प्रजामंडल के प्रथम अधिवेशन हुआ 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन में करौली प्रजामंडल ने भाग लिया।
डूंगरपुर प्रजामंडल
वर्ष 1944 में डूंगरपुर प्रजामंडल की स्थापना भोगीलाल पांडे ने की।
रास्ता पाल कांड यहीं से संबंधित है।
बांसवाड़ा प्रजामंडल
1945 में बांसवाड़ा प्रजामंडल की स्थापना की गई।