उद्देश्य
संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्य 9 (“लचीले बुनियादी ढांचे का निर्माण, सतत औद्योगीकरण का संवर्धन करना और नवाचार को बढ़ावा देना”) को प्राप्त करने में भारत की मदद करने के लिए पीएम मित्र पार्क की परिकल्पना की गई है। यह योजना वस्त्र उद्योग की संपूर्ण मूल्य-श्रृंखला के लिए एकीकृत बड़े पैमाने पर और आधुनिक औद्योगिक अवसंरचना सुविधा विकसित करने के लिए है। यह संचालन लागत को कम करेगा और भारतीय वस्त्रों की प्रतिस्पर्धात्मकता में सुधार करेगा। यह योजना भारत को निवेश आकर्षित करने, रोजगार सृजन को बढ़ावा देने और वैश्विक वस्त्र बाजार में खुद को मजबूती से स्थापित करने में मदद करेगी। इन पार्कों को उन स्थलों पर स्थापित करने की परिकल्पना की गई है, जहां समृद्धि के लिए वस्त्र उद्योग में अंतर्निहित ताकत है और सफल होने के लिए आवश्यक सहलग्नताएं (लिंकेजेड) हैं।
योजना प्रोत्साहन संरचना
क) ग्रीनफील्ड और ब्राउनफील्ड पीएम मित्र पार्क – ग्रीनफील्ड पीएम मित्र और ब्राउनफील्ड पीएम पार्क के विकास के लिए, भारत सरकार की ओर से क्रमश: ग्रीनफील्ड और ब्राउनफील्ड पीएम मित्र के लिए प्रति पार्क 500 करोड़ रुपये और 200 करोड़ रुपए की अधिकतम सहायता के साथ परियोजना लागत का 30% की दर से विकास पूंजी सहायता (डीसीएस) का प्रावधान है।
ख) उपरोक्त डीसीएस कोर इंफ्रास्ट्रक्चर और सहयोगी बुनियादी ढांचे अर्थात विकसित फैक्ट्री साइट, प्लग एंड प्ले सुविधा, इन्क्यूबेशन सेंटर, सड़कें, बिजली, पानी और अपशिष्ट जल प्रणाली यानि कॉमन प्रोसेसिंग हाउस और सीईटीपी, श्रमिक हॉस्टल और हाउसिंग, लॉजिस्टिक्स पार्क, वेयरहाउसिंग, मेडिकल सुविधाएं, प्रशिक्षण और कौशल विकास सुविधाओं के निर्माण के लिए एक सहयोग है। पार्क के क्षेत्रफल का 10% वाणिज्यिक विकास के लिए उपयोग करने का प्रावधान है अर्थात दुकानें और कार्यालय, शॉपिंग मॉल, होटल और कन्वेंशन सेंटर।
ग) प्रतिस्पर्धी प्रोत्साहन सहायता (सीआईएस) – निर्माण इकाइयों को पीएम मित्र में शीघ्र स्थापित करने हेतु प्रोत्साहित करने के लिए, प्रति पार्क 300 करोड़ रूपये का प्रावधान है, जिसमें कुल बिक्री कारोबार के 3% तक विनिर्माण इकाइयों को पहले आओ पहले पाओ के आधार पर प्रोत्साहन प्रदान किया जा सकता है। यह केवल उन निर्माण कंपनियों के लिए उपलब्ध है जो टेक्सटाइल पीएलआई योजना का लाभ नहीं उठा रही हैं और यह तब तक उपलब्ध रहेगी जब तक कि पीएम मित्र पार्क के लिए प्रदान की गई धनराशि समाप्त नहीं हो जाती।
गवर्नेस:
ग्रीनफील्ड पार्कों के लिए प्रत्येक पीएम मित्र पार्क के लिए पूंजी के साथ परियोजना का नेतृत्व और करोड़ रुपये की प्रदत्त 10 (एसपीवी) स्वामित्व इस उद्देश्य के लिए बनाए गए एक विशेष प्रयोजन वाहनद्वारा किया जाएगा। इसे कंपनी अधिनियम 2013 के तहत पंजीकृत किया जाएगा। भारत सरकार पीएम मित्र पार्क के तहत स्थापित की जाने वाली एसपीवी की प्रदत्त पूंजी की 49% इक्विटी के लिए भुगतान करेगी और भाग लेने वाली राज्य सरकार प्रदत्त पूंजी का 51% भुगतान करेगी। राज्य सरकार वस्त्रउद्योग की देखभाल / करने वाले विभाग के प्रशासनिक सचिव को एसपीवी के सीईओ के रूप में नियुक्त करेगी।
राज्य सरकार प्रतीकात्मक काल्पनिक मूल्य पर एसपीवी को भूमि हस्तांतरित करेगी और इस भूमि संपत्ति का लाभ तथा उपयोग एसपीवीमास्टर डेवलपर द्वारा पीएम मित्र पार्क में / उच्च मानक विनिर्देश निवेश के लिए रियायत अवधि के दौरान के साथ पीएम मित्र पार्क के विकास और रखरखाव के लिए किया जाएगा। इस भूमि के उपयोग के लिए नियम और प्रक्रियाएं भारत सरकार और राज्य सरकार द्वारा संयुक्त रूप से आरएफपी और अन्य आवश्यक दस्तावेजों के निर्माण के माध्यम से तय किए जाएंगे। सचिव (वस्त्र), भारत सरकार को एसपीवी के अध्यक्ष के रूप में नामित किया जाएगा। भारत सरकार परियोजना के लिए आवश्यक वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान करेगी। इस संबंध में काम का समन्वय करने के लिए एक मिशन निदेशक की अध्यक्षता में यह एक पीएमयू स्थापित करेगी।
- ब्राउनफील्ड पार्कों के मामले में, एसपीवी का मौजूदा शेयरधारिता पैटर्न जारी रहेगा और मौजूदा एसपीवी पीएम मित्र पार्क को लागू करेगा।
परिचालन मॉडल
पीएम मित्र पार्क को डिजाइन प्रारूप पर एक सार्वजनिक (डीबीएफओटी) ट्रांसफर ऑपरेट-फाइनेंस बिल्ड तथा निजी भागीदारी आधारित मास्टर (पीपीपी) डेवलपर या जाएगा। हालांकिमॉडल में विकसित कि (एमडी), असाधारण स्थिति में अन्य मॉडल जैसे सरकारी एसपीवी के नेतृत्व वाले मॉडल या निजी डेवलपर की सीमित भागीदारी के साथ हाइब्रिड मॉडल को भी भारत सरकार के अनुमोदन से माना जा सकता है।
परियोजना अनुमोदन समिति (पीएसी)
सचिव (वस्त्र) की अध्यक्षता में एक परियोजना अनुमोदन समिति (पीएसी), वित्तीय सलाहकार (वस्त्र मंत्रालय), अपर सचिव / संयुक्त सचिव (वस्त्र मंत्रालय) और डीपीआईआईटी और नीति आयोग के प्रतिनिधि इस योजना के लिए दिशानिर्देशों को अनुमोदित करेगी, परियोजना की गतिविधियों को मंजूरी देगी और लक्ष्य मानदंडों के आधार पर डीसीएस और सीआईएस के तहत व्यय की निगरानी करेगी। पीएसी पीएम मित्र पार्क में अधिकतम संख्या में इकाइयों के शीघ्र संचालन के उद्देश्य से सीआईएस नीतियों जैसे निवेश और अन्य उद्देश्य मानकों के साथ लाभ को जोड़ने जैसी नीतियों को भी निर्धारित करेगा।
पार्कों के स्थान का चयन
राज्य सरकारें जिनके पास 1000+ एकड़ की एकसाथ और ऋण तथा विवाद मुक्त भूमि उपलब्ध है, वे योजना के तहत आवेदन के लिए पात्र होंगी। साइटों का चयन मापदंडों अर्थात अच्छी कनेक्टिविटी, पर्याप्त गुणवत्ता वाली बिजली का बुनियादी ढांचा, पानी और अपशिष्ट जल निपटान प्रणाली, वस्त्र उद्योग के अनुकूल श्रम कानून, एकल खिड़की मंजूरी, राज्य की स्थिर और अनुकूल औद्योगिक नीति केवस्त्र/आधार पर एक चुनौती पद्धति पर होगा। राज्य सरकारों से पीएम मित्र पार्क की स्थापना के लिए अपने प्रस्ताव प्रस्तुत करने का अनुरोध किया जाएगा।
यह परिकल्पना की गई है कि दो चरणों की चयन प्रक्रिया का पालन किया जाएगा। चरण 1 राज्यों द्वारा प्रस्तावित संभावित स्थलों के प्रारंभिक चयन के लिए है। इस स्तर पर, एसपीवी के गठन, पीएम मित्र पार्क की योजना, पीएमए के चयन, आरएफक्यू/आरएफपी के विकास और मास्टर डेवलपर के चयन पर खर्च की अनुमति होगी। पारदर्शी चयन प्रक्रिया द्वारा पर्याप्त क्षमता और अनुभव वाले मास्टर डेवलपर के चयन के बाद चरण 2 का प्रारंभ होना चरण 2 पर, पीएम मित्र पार्क के विकास निर्माण के लिए वस्त्र मंत्रालय से सहायता अनुदान जारी करने के लिए साइटें तैयार होंगी। यह प्रक्रिया अनुदान की पहली किस्त जारी होने के बाद पार्क स्थलों पर काम तुरंत शुरू करना सुनिश्चित करेगा।
परियोजना प्रबंधन एजेंसी
वस्त्र मंत्रालय (एमओटी) के लिए केंद्रीय स्तर पर तकनीकी सहायता शाखा और परियोजना प्रबंधन एजेंसी (पीएमए) के रूप में कार्य करने के लिए निष्पक्ष और पारदर्शी चयन प्रक्रिया द्वारा एक परियोजना प्रबंधन एजेंसी (पीएमए) का चयन किया जाएगा। यह साइटों के चयन, संभावित स्थलों के लिए व्यवहार्यता अध्ययन, मास्टर डेवलपर के चयन, पार्क में निवेश आकर्षित करने और परियोजना के कार्यान्वयन और निगरानी से संबंधित अन्य गतिविधियों के संबंध में आवश्यक दस्तावेजों और नीतियों को तैयार करने में मदद करेगा।
योजना दिशानिर्देश
इच्छुक राज्यों से आवेदन आमंत्रित करने के लिए विस्तृत योजना दिशानिर्देशों को अंतिम रूप दिया जाएगा और संबंधित मंत्रालयों/विभागों के परामर्श से अधिसूचित किया जाएगा।
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