चावल क्या है ? उपयोग, लाभ

भारत में चावल का उत्पादन और वितरण, चावल का उपयोग, चावल की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी Rice production and distribution in India, Rice uses, Soils suitable for rice cultivation

चावल (जीनस-ऑरिजा) पोएसी कुल के उपकुल ऑराइजीनी का सदस्य है। इस जीनस की लगभग है 27 जातियाँ पायी जाती हैं। इनमें से केवल दो जातियाँ कृषि योग्य हैं जिनकी सम्पूर्ण विश्व में खेती की जाती है। विश्व में कृषित चावल की निम्न दो जातियाँ हैं

  • ऑरिजा सेटाइवा (Oryza sativa)
  • ऑरिजा ग्लेबेरिमा (Oryza glaberrima)
वानस्पतिक नाम (Botanical Name) औरिजा सेटाइवा (Oryza sativa)
देशी नाम (Vernacular name) चावल (Rice)
कुल (Family) पोएसी (Poaceae)
उपयोगी पादप भाग (Useful plant part) केरियोप्सिस फल (Caryopsis fruit)

उत्पत्ति एवं वितरण ( Origin and Distribution)

चावल विश्व का सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण धान्य पादप (cereal plant) है। विश्व की लगभग आधी जनसंख्या द्वारा चावल को प्रमुख भोजन के रूप में उपयोग किया जाता है।

डि केन्डोली (De Candolle, 1886) के अनुसार चावल भारत का मूल निवासी (native species) हैं। वर्तमान में चावल की मुख्यतः दो जातियों की खेती की जाती है, जिनमें एशियाई जाति ऑरिजा सेटाइवा (O. sativa) तथा दूसरी अफ्रीकी जाति आ. ग्लेबेरिमा (0. glaberrima) प्रमुख है। चावल उत्पत्ति केन्द्र (centre of origin) एक से अधिक माने गये हैं जो इस प्रकार हैं

वर्तमान में सम्पूर्ण विश्व के अन्तर्गत चावल की खेती काफी बड़े पैमाने पर की जाती है, लेकिन इसकी शुरूआत भारत, बर्मा, चीन व थाइलैण्ड में हुई थी। यूरोप में चावल का प्रवेश 17वीं शताब्दी के दौरान हुआ था। विश्व के प्राच्य देशों (oricntial) में भारत, बांगला देश, चीन, जापान, कोरिया, फिलीपिन्स, मलेशिया, इन्डोनेशिया थाइलैण्ड, वियतनाम, कम्बोडिया तथा श्रीलंका आदि प्रमुख चावल उत्पादक क्षेत्र है जहाँ लगभग 95% चावल की पैदावार होती हैं। चावल के कुछ पाश्चात्य (occidentalis) उत्पादक देशों में ब्राजील, यू.एस.ए., स्पेन तथा इटली आदि अपना महत्त्वपूर्ण स्थान रखते हैं।

विश्व में भारत का चावल उत्पादन के क्षेत्र में प्रथम स्थान है चावल का उत्पादन प्रायः देश के सभी प्रान्तों में किया जाता है, लेकिन व्यापारिक उत्पादन (commercial production) की दृष्टि से इसे आर्द्र राज्यों में अधिक बोया जाता है। चावल के प्रमुख उत्पादक राज्यों में आन्ध्र प्रदेश, आसाम, बिहार, कर्नाटक, मद्रास, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उड़ीसा, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश तथा पश्चिम बंगाल आदि है। इन राज्यों में कुल राष्ट्रीय उत्पादन की 94% उपज होती है।

वानस्पतिक लक्षण (Botanical Characteristics)

चावल का पादप अल्पजीवी, (6 माह) एक वर्षीय जलीय पौधा होता है। पादप उर्ध्व, लगभग 60-150 cm तक लम्बा होता है। कभी-कभी इसमें तलशाखन भी पाया जाता है। पादप-जड़, तना व पत्तियों में विभक्त रहता है। जड़ें अपस्थानिक व रेशेदार होती हैं। तना दुर्बल तथा चिकना होता है जो कल्म (culum) कहलाता हैं। कल्म पर्व से खोखले (hollow) होते हैं। पत्तियाँ चपटी, रेखीय आधारीय भाग पर पर्व को घेरे रहती हैं। पर्णों में समानान्तर शिराविन्यास पाया जाता है। एक झिल्लीनुमा रगहोंन लिग्यूल (ligule) पर्णफलक व पर्णाच्छद के मध्य उपस्थित रहता है।

पादप की जनन अवस्था में पादप के शीर्ष भाग में असीमाक्ष स्पाइक पुष्पक्रम (spike inflorescence) लगते हैं। पुष्पक्रम के एक स्पाइकलेट में तीन पुष्प पाये जाते हैं जिनमें से आधारीय दो पुष्प बन्ध्य (sterile) व तीसरा पुष्प जननक्षम (fertile) होता है। द्विलिंगी पुष्प में छः पुंकेसर होते हैं। चावल का दाना भूसा (husk), लेमा (lemma) तथा पेलिया (palea) के अन्दर रहता है। ये सुनहरे अथवा भूरे रंग के होते हैं। भूसे सहित दानों को धान (paddy) कहते हैं। आवरण उतारने के पश्चात शेष बचे छिलका रहित चावल के दाने सफेद अथवा हल्के पीले रंग के होते हैं। चावल का दाना 9-11 ml लम्बा एकल बीजीय, अस्फुटनशील केरियोप्सिस होता है।

चावल का दानी पीला या लाल रंग का होता है। लाल चावल सबसे घटिया किस्म का होता है। चावल के दाने में स्टार्च (77.4%), प्रोटीन ( 7.5%) व अत्यन्त अल्प मात्रा में वसा (1.9% ) तथा विटामिन्स उपस्थित होते हैं। जौ (barley) (स्टार्च, 78.8%) के अतिरिक्त शेष अनाजों की तुलना चावल में सर्वाधिक (प्रतिशत) मात्रा में स्टार्च उपस्थित होता है।

जलवायु एवं मृदा (Climate and Soil)

1. जलवायु (Climate)

चावल एक अर्धजलीय (semiaquatic) पादप है। इसकी अच्छी वृद्धि के लिये बहुत अधिक जल की आवश्यकता होती हैं। पानी की आवश्यकता के अनुसार चावल दो वर्गों में रखा गया है

A. ऊपरभूमि चावल (Upland Rice)

इसे जल की आवश्यकता कम होती है, अतः इसे असिंचित पर्वतीय प्रदेशों में बोया जाता है जहाँ वार्षिक वर्षा का औसत लगभग 60-120 cm होता है। अमेरिका (नूतन विश्व) में यही चावल बोया जाता है।

B. निम्नभूमि चावल (Lowland Rice)

इस चावल को जल की बहुत अधिक आवश्यकता होती है। अतः जलापूर्ति के लिए खेतों को सदैव पानी से भरा हुआ रखा जाता है। प्राचीन विश्व (भारत, जापान, चीन, सुदूर दक्षिण पूर्व एशिया) में इसी चावल की कृषि जाती है। निम्न भूमि चावल के लिए 180-240 cm वार्षिक वर्षा की आवश्यकता होती है।

फसल के लिये पूरे समय उष्ण वातावरण ( तापक्रम 21-35°C) उपयुक्त होता है।

2. मृदा (Soil)

चावल की अच्छी पैदावार के लिए चिकनी (clay soil) या चिकनी-दोमट मृदा अधिक उपयुक्त रहती है क्योंकि (clay loam) चिकनी मृदा की जलधारण क्षमता उच्चतम होती है। आमतौर पर चावल को किसी भी मृदा जैसे काली जलोढ़ (black alluvial), क्षारीय, अम्लीय तथा दलदली मृदा में उगाया जा सकता है। मृदा की उपयुक्त pH 5 से 8.5 के मध्य होती है।

फसल बुवाई का समय कटाई का समय
1. Aus मई जून सित -अक्टूबर
2. Aman जून जुलाई नव-दिस.
3. Boro नव-दिस अप्रैल-मई

 

उपयोग (Uses)

1. चावल एक मात्र ऐसा धान्य है, जिसे बिना आटा बनाये प्रयोग किया जाता है। चावल को उबालकर, प्रोटीन युक्त दालों व सब्जियों के साथ खाया जाता है। इसकी अधिकांश किस्मों में चिपकने वाले प्रोटीन ग्लूटेनिन का अभाव होता है, अतः इसके आटे की रोटी नहीं बनायो जा सकती है।

2. चावल को भोजन के रूप में कई प्रकार से उपयोग में लाया जाता है जैसे सेल चावल, मुरमुरा चावल (भेलपुरी), खील (भुना हुआ चावल), पोहा (beaten rice or floked rice) आदि ।

3. दक्षिण भारतीय व्यंजन इडली, डोसा आदि चावल पाउडर से तैयार होते हैं।

4. चावल से प्राप्त मांड (starch) का उपयोग कपड़ों को कलप करने के लिए किया जाता है।

5. चावल के चोकर से ब्रान आयन (bran oil) प्राप्त किया जाता है। चोकर (bran) व भूसे (husk) कीटनाशी पदार्थों, साबुन व सौंदर्य प्रसाधकों (cosmetics) बनाने का उपयोग में किया जाता है।

6. चावल के डंठलों (straw) से टोप, चटाई, थैले तथा ऐसी ही अन्य वस्तुयें बनायी जाती है।

चावल में होने वाले प्रमुख रोगों

S.No. Disease  Causal organism
1 Blast Piricularia oryzae
2 Blight Helminthosporium oryzae
3 Bacterial blight Xanthomonas oryzae
4 Bacterial streak X. translucens
5 Sheath blight Thanatephorus cucumeris
6 Bunt of rice Tilletia horrida
7. False smut Ustilaginoida virens
8 Stem rot Sclerotium oryzae

 

चावल पर आक्रमण करने वाले कीट पीड़क

S.No. Disease  Causal organism
1 Swarming catterpillar Spodoptera mauritia
2 Rice grass hopper Hieroglyphus banian
3 Paddy bug Leptocorisa varicornis
4 Paddy cut worm Cirphis unipunctata
5 Brown plant hopper Nilaparvata lugens
6 Paddy stem borer Tryporyza incertulas

Q1. सबसे अच्छा चावल कौन सा होता है?

बासमती चावल की एक उत्कृष्ट किस्म है। इसका वैज्ञानिक नाम है ओराय्ज़ा सैटिवा है । यह अपने खास स्वाद और मोहक खुशबू के लिये प्रसिद्ध है।

Q2. भारत में चावल पैदा करने वाले मुख्य क्षेत्र कौन कौन से हैं?

भारत में चावल उत्पादक राज्यों में पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, आन्ध्र प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु, कर्नाटक, उड़ीसा, असम तथा पंजाब है। यह दक्षिणी और पूर्वी भारत के राज्‍यों का मुख्‍य भोजन है।

Q3. धान की खेती के लिए उपयुक्त भौगोलिक परिस्थितियां क्या है?

चावल एक खरीफ़ की फसल है जिसे उगाने के लिए (25o सेल्सियस के ऊपर) और अधिक आद्रता (100 सेमी. से अधिक वर्षा) की आवश्यकता होती है। चावल उत्तर और उत्तरी-पूर्वी मैदानों, तटीय क्षेत्रों और डेल्टाई प्रदेशों में उगाया जाता है। ऐसे क्षेत्र जहाँ वर्षा कम होती है, वहाँ चावल सिंचाई की सहायता से उगाया जाता है।

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