ग्राम न्यायालय, स्थापना, कारण, विशेषता ( gram nyayalaya ki sthapna, gram nyayalaya kya hai, gram nyayalaya ki visheshta)
ग्राम न्यायालय की स्थापना ग्राम न्यायालय अधिनियम (Village Nyayalaya Act) 2008 के तहत की गई है ग्राम न्यायालय का उद्देश्य नागरिकों को उनके द्वार पर ही न्याय मिल जाए और कोई भी न्याय प्राप्त करने के अवसर से वंचित न रहे।
ग्राम न्यायालय की स्थापना Establishment of Gram Nyayalaya
ग्राम न्यायालय अधिनियम 2008 के तहत राज्य सरकार उच्च न्यायालय की परामर्श से ग्राम न्यायालय की स्थापना करती है।
ग्राम न्यायालय की स्थापना के कारण Reasons for the establishment of Gram Nyayalaya
गरीबों तक न्याय उपलब्ध कराना
सरकार के द्वारा न्यायिक प्रणाली को सुदृढ़ करने के लिए।
ग्राम न्यायालयों की स्थापना के द्वारा आम नागरिकों को सस्ता एवं समुचित न्याय दिलाना है।
ग्राम न्यायालय के द्वारा गरीबों एवं साधनहीन को अपने द्वार पर ही न्याय दिलाना है। ग्राम न्यायालय से गरीबों को सस्ता, जल्दी, समुचित न्याय मिल जाता है।
ग्राम न्यायालय की विशेषता Features of Gram Nyayalaya
- ग्राम न्यायालय के न्यायाधिकारी की नियुक्ति राज्य सरकार उच्च न्यायालय की परामर्श से करती है। ग्राम न्यायालय प्रथम श्रेणी की दंडाधिकारी की अदालत होती है।
- ग्राम न्यायालय प्रत्येक पंचायत में स्थापित की जाती है।
- ग्राम न्यायालय चलंत न्यायालय होता है जो फौजदारी और दीवानी न्यायालय की शक्ति रखता है।
- ग्राम न्यायालय सिविल न्यायालय की शक्तियों का कुछ संशोधन के साथ उपयोग करती है
- ग्राम न्यायालय उच्च पक्षों के बीच समझौता कराने का हर संभव प्रयास करता है।
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