कंप्यूटर के चमत्कार, कंप्यूटर का महत्त्व, कंप्यूटर शिक्षण का महत्त्व wonders of computer, importance of computer, importance of computer education
प्रस्तावना
कंप्यूटर पर निबंध मनुष्य ईश्वर की सृष्टि का श्रेष्ठतम प्राणी है। उसकी श्रेष्ठता का आधार उसका बुद्धिबल है। उसने अपनी बुद्धि के बल पर अपने जीवनयापन के लिए समय के साथ प्रगति की। उसकी प्रगति का मुख्य आधार विभिन्न क्षेत्रों में आवश्यकताधार पर यन्त्र विकास रहा। इन्हीं यन्त्रों के विकास में उसने कंप्यूटर की खोज कर डाली जिसे ‘मानव मस्तिष्क के रूप में जाना जाता है। इस यन्त्र की खोज के कारण ही आज के युग को कंप्यूटर का युग कहा और माना जाने लगा है।
कंप्यूटर का इतिहास history of computer
कंप्यूटर के आविष्कार का श्रेय फ्रांस के एक वैज्ञानिक ब्लेस पास्कल को दिया जा सकता है जिन्होंने सन् 1642 में एक ऐसा गणना-यंत्र बनाया था जिससे जोड़ने-घटाने का काम लिया जा सकता था। सन् 1680 में एक जर्मन वैज्ञानिक विलियम लाइबनिट्ज ने एक ऐसे यंत्र का विकास किया जिसके माध्यम से जोड़, बाकी, गुणा, भाग और वर्गमूल तक निकाले जा सकते थे।
इसके बाद अमेरिकन वैज्ञानिक डा. हर्मन हालरीक ने गणना करने की एक नई पद्धति को विकसित किया। यह पद्धति कार्डों में छिद्र करके गणना पर आधारित थी। इस कार्ड पद्धत्ति कंप्यूटर को अमेरिका, रूस, जापान आदि अनेक देशों में मानव मस्तिष्क का दर्जा मिला। इसी मानव मस्तिष्क ने चमत्कार की रेखाएँ मानव-मन पर अंकित कर
आज के युग को ‘कंप्यूटर युग’ का नाम दिया। कंप्यूटर का क्षेत्र और कार्य आरम्भ में इसे मानव मस्तिष्क का नाम देकर गणित या हिसाब-किताब से सम्बन्धित कुछ विशेष उलझने सुलझाने के कार्य में ही लिया जाता था, लेकिन अब तो इससे प्रत्येक प्रकार का कार्य लिया जाता है। जैसे—हिसाब किताब जोड़ना, बिल बनाना, रेलवे- आरक्षण, कम्युनिकेशन्स, समाचार-प्रेषण, अपराध और अपराधियों के निराकरण जैसे कार्य, अन्तरिक्ष कार्यक्रम, मौसम विज्ञान, युद्ध प्रणाली, परमाणु बिजलीघरों का संचालन, अनुसंधान, चिकित्सा और मुद्रण जैसे कार्य यहाँ तक की आज व्यक्ति की जन्मपत्री भी इस यंत्र से बनाकर उसके भूत-भविष्य का निर्णय भी किया जाने लगा है।
इतना ही नहीं वर-वधू की खोज, उनकी कुण्डलियों का मिलान, गुण-दोषों का मिलान कर विवाह अविवाह का भी निर्णय इस यंत्र के माध्यम से किया जाने लगा है। इस आधार पर यह कहा जा सकता है कि इसके चरण जीवन में हर तरफ बड़ी तेजी से बढ़ रहे हैं।
कंप्यूटर क्रान्ति आज कंप्यूटर हमारे जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में अपना प्रभाव बढ़ाता चला जा रहा है चाहे वह औद्योगिक क्षेत्र हो, अनुसंधान का क्षेत्र हो या फिर व्यापारिक क्षेत्र हो । कहते हैं कि यदि भविष्य में कभी विश्वयुद्ध हुआ तो कब कहाँ, किस तरह से, किस शस्त्र से आक्रमण या प्रत्याक्रमण करना है, इस बाता का निर्णय भी कंप्यूटर ही करेगा। यह तो रही भविष्य की बात, लेकिन आज के वातावरण में देखा जाए तो कंप्यूटर ने जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में क्रान्ति ला दी है। है
कंप्यूटर और आशंकाएँ Computers and Fears
यह ठीक है कि कंप्यूटर ने मानव जीवन के विविध क्षेत्रों में अपने प्रभावी चमत्कार दिखाकर मानव-मन को अपनी ओर सहज आकर्षित कर लिया है। मानव सुविधाएँ पाकर इसकी अधीनता को मौन, मूक होकर स्वीकार करने लगा है वहीं इस यंत्र को लेकर भारत जैसे देश में मानव-मन आशंकित भी हो उठा है। आज इसका प्रयोग औद्योगिक, व्यापारिक और सरकारी कार्यालयों में तेजी से बढ़ने लगा है।
इसका प्रभाव मानव-शक्ति और उसके कार्यों पर भी पड़ने लगा है, क्योंकि एक कंप्यूटर अनेक व्यक्तियों के कार्यों को सहजता से सम्पादित करने में सक्षम है। फिर तो जरूरतमन्द लोगों को नौकरियाँ और काम मिलने भी बन्द हो जाएँगे।
जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत व्यक्तियों में से अधिकांश व्यक्ति बेरोजगार हो जएंगे। उनके समक्ष रोजी-रोटी का प्रश्न खड़ा हो जायेगा। प्रश्न यह है कि हमारे देश में पहले से ही बेरोजगारों की एक लम्बी कतार है फिर कंप्यूटर के बढ़ते प्रभाव से रोजगार में लगे व्यक्तियों को क्या स्थिति होगी, यह विचारणीय है। कंप्यूटर के प्रयोग के सम्बन्ध में एक आशंका यह भी जताई जाती है कि कंप्यूटर से तनिक-सी गलत जानकारी प्राप्त हो जाने पर इसके दुष्परिणाम बहुत ही गलत हो सकते हैं। इसके प्रयोग में सावधानी की आवश्यकता है।
उपसंहार
हमारे देश में कंप्यूटर क्रान्ति लाने का श्रेय पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गाँधी को है। अब देखना यह है कि हमारे देश में हमारे लिए कंप्यूटर वरदान सिद्ध होता है या अभिशाप क्योंकि अब कंप्यूटर हमारे जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में प्रवेश कर चुका है। लेकिन अच्छा यही होगा कि कंप्यूटर हमारे लिए प्रगति और उपलब्धि का साधन बने, साध्य नहीं।