इंटरनेट क्या है

इंटरनेट का परिचय , इंटरनेट का महत्व , इंटरनेट से हानि , इंटरनेट से लाभ , ( Introduction to Internet, Importance of Internet, Disadvantages of Internet, Advantages of Internet, )

इंटरनेट ( Internet ) इंटरनेट कोई एक संगठन या संस्था नहीं , पर दुनिया भर में फैले हुए छोटे – बड़े कम्प्यूटरों का एक बड़ा जाल ( Network ) है , जो टेलीफोन के माध्यम से एक दूसरे के संपर्क में रहते है । यह इस समय संसार का सबसे बड़ा और लोकप्रिय नेटवर्क हैं । दुनिया भर के सभी नेटवर्क इंटरनेट से जुड़े हैं । इस प्रकार यह नेटवर्कों का नेटवर्क है । इसमें मुख्यतः ई – मेल ( E – mail ) , वर्ल्ड वाइड वेब ( world wide web ) , एफ.टी.पी. ( FTP ) , ई – कॉमर्स ( E – commerce ) आदि सुविधाएँ उपलब्ध हैं

इसमें दुनिया भर के किसी भी कम्प्यूटर या उसकी साइट से जुड़ना बहुत आसान है , जैसे किसी कम्प्यूटर लाइन से जुड़ना । इंटरनेट कम्प्यूटरों को जोड़ता है और वर्ल्ड वाइड वेब उससे जुड़े कम्प्यूटरों को सूचनाएं वेब पेजों के माध्यम से उपलब्ध कराता है । इस कार्य में इंटरनेट एक्सप्लोरर ( Internet Explorer ) किसी ब्राउजर ( Browser ) प्रोग्राम की सहायता से कार्य करता है ; जैसे याहू , नेटस्केप , इंडिया टाइम्स , वेब दुनिया आदि । इंटरनेट के माध्यम से आप अपने कम्प्यूटर पर बैठ हुए दुनिया भर की सूचनाएँ मिनटों में प्राप्त कर सकते हैं , जैसे किसी कम्पनी या उसके उत्पादों के बारे में जानकारी , विभिन्न समाचार पत्रों में इंटरनेट संस्करणों में छपा समाचार , किसी बीमारी का इलाज , फिल्मी गानों की जानकारी , किसी खेले जा रहे मैच का नवीनतम स्कोर आदि ।

इन्टरनेट के लाभ The benefits of the Internet

( 1 ) इसके माध्यम से दुनिया में कहीं भी , किसी से भी सम्पर्क बनाया जा सकता है ।

( ii ) दूसरे व्यक्तियों से आसानी से सम्पर्क बनाने की अनुमति देता है ।

( iii ) इन्टरनेट पर डॉक्यूमेन्ट को प्रकाशित करने पर पेपर इत्यादि की बचत होती है ।

( iv ) एक ही जानकारी को कई बार एक्सेस करने के बाद उसे पुनः सर्च करने में कम समय लगता है ।

( v ) यह कम्पनियों के लिए कीमती संसाधन है । जिस पर वे व्यापार का विज्ञान तथा लेन – देन भी कर सकते हैं।

इन्टरनेट की हानियाँ

( i ) साइबर धोखेबाज क्रेडिट / डेबिट कार्ड की समस्त जानकारी को चुराकर उसे गलत तरीके से प्रयोग कर सकते हैं ।

( ii ) इन्टरनेट पर भेजे गए सन्देशों को आसानी से चुराया जा सकता है ।

( iii ) कम्प्यूटर में वायरस के लिए यह सर्वाधिक उत्तरदायी है ।

( iv ) अनैच्छिक तथा अनुचित डॉक्यूमेन्ट तत्व कभी – कभी गलत लोगों ( आतंकवादी ) द्वारा प्रयोग कर लिए जाते हैं ।

( V ) बहुत सी जानकारियां जांची नहीं जाती । वह गलत या असंगत भी हो सकती है।

इन्टरनेट से सम्बन्धित जानकारी ( Internet Related Terms )

वर्ल्ड वाइड वेब ( World Wide Web )

वर्ल्ड वाइड वेब ( www ) विशेष रूप से हाइपरटेक्स्ट डॉक्यूमेन्टस का समर्थन करने वाले इन्टरनेट सर्वर की एक प्रणाली है । इसे 13 मार्च 1989 को पेश किया गया था ।

वेब पेज ( Web Page )

वेब बहुत सारे कम्प्यूटर डॉक्यूमेन्टों या वेब पेजों का संग्रह है । ये डॉक्यूमेण्टस HTML में लिखे जाते हैं तथा वेब ब्राउजर द्वारा प्रदर्शित किए जाते हैं । ये दो प्रकार के होते हैं – स्टैटिक ( Static ) तथा डायनेमिक ( Dynamic)

वेबसाइट ( Website )

एक वेबसाइट वेब पेजों का संग्रह होता है , जिसमें सभी वेब पेज हाइपरलिंक द्वारा एक – दूसरे से जुड़े होते हैं । किसी भी वेबसाइट का पहला पेज होम पेज कहलाता है ; जैसे Http://iete.org इत्यादि।

वेब ब्राउजर ( Web Browser )

वेब ब्राउजर एक सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन है , जिसका प्रयोग वर्ल्ड वाइड वेब के कन्टेन्ट को ढूँढ़ने , निकालने एवं प्रदर्शित करने में होता है ; जैसे नेटस्केप , इन्टरनेट एक्स्प्लोररे , गूगल क्रोम आदि ।

वेब सर्वर ( Web Server )

यह एक कम्प्यूटर प्रोग्राम है , जोकि HTML पेजों या फाइलों की जरूरतों को पूरा करता है ।

वेब एड्रेस या यू आर एल ( Web Addrss or URL )

इन्टरनेट पर वेब एड्रेस किसी विशिष्ट वेब पेज की लोकेशन को पहचानता है । वेब एड्रेस को URL ( Uniform Resource Locater ) भी कहते हैं । URL इन्टरनेट से जुड़े होस्ट कम्प्यूटर पर फाइलों के इन्टरनेट एड्रेस को दर्शाता है । टिम बर्नर्स ली ( Tim Bermers Lee ) ने वर्ष 1991 में पहला URL बनाया , जोकि वर्ल्ड वाइड वेब पर हाइपरलिंक्स को प्रकाशित करने में प्रयोग होता है ।

डोमेन नेम ( Domain Name )

डोमेन नेटवर्क संसाधनों का एक समूह है , जिससे उपयोगकर्ता के समूह को आवंटित किया जाता है । डोमेन नेम इन्टरनेट पर जुड़े हुए कम्प्यूटरों को पहचानने एवं लोकेट करने के काम में आता है ।

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