अनामय योजना की पूरी जानकारी

क्या है अनामय योजना

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन और श्री अर्जुन मुंडा केन्द्रीय जनजातीय कार्य मंत्री  के साथ मिलकर 7 अप्रैल 2021 को  वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जनजातीय स्वास्थ्य सहयोग के लिए अनामय योजना की शुरुआत की है.

अनामय योजना को  मुख्य रूप से पीरामल फाउंडेशन और बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन (बीएमजीएफ) का सहयोग मिला है।

अनामय योजना भारत के जनजातीय समुदाय के स्वास्थ्य और पोषण की स्थिति में सुधार करने के उद्देश्य से विभिन्न सरकारी एजेंसियों और संगठनों द्वारा किए जा रहे प्रयासों को एक मंच पर लेकर आएगी।

यह सहयोग भारत के आदिवासी समुदायों के बीच रोकथाम योग्य सभी मौतों को दूर करने के लिए सरकारों , राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं , गैर – सरकारी संगठनों आदि को साथ लाने वाली एक अनूठी पहल है । इसका उद्देश्य भारत की जनजातीय आबादी द्वारा सामना की जाने वाली प्रमुख स्वास्थ्य चुनौतियों का समाधान करने के लिए एक स्थायी , उच्च प्रदर्शन वाली स्वास्थ्य परिवेश का निर्माण करना है ।

यह उच्च जनजातीय आबादी वाले 6 राज्यों के 50 आदिवासी , आकांक्षी जिलों ( 20 प्रतिशत से अधिक ST जनसंख्या वाले ) के साथ अपना परिचालन शुरू करेगी । अगले 10 साल के दौरान जनजातीय स्वास्थ्य सहयोग ( THC ) के काम का विस्तार जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा मान्यता प्राप्त 177 आदिवासी जिलों तक किया जाएगा ।

जनजातीय कार्य मंत्रालय के सहयोग से स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा किए गए ये प्रयास जनजातीय समुदायों की स्वास्थ्य संबंधी ज़रूरतों को पूरा करते हैं.

जनजातीय समुदाय के स्वास्थ्य हेतु अन्य सरकारी प्रयास

  • भारत सरकार ने वर्ष 2025 तक ‘टीबी मुक्त भारत’ का लक्ष्य तय किया है, जो वैश्विक समयसीमा (2030) से पांच वर्ष कम है। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए हाल ही में, दोनों मंत्रालयों(स्वास्थ्य मंत्रालय और जनजातीय कार्य मंत्रालय) ने मिलकर ‘जनजातीय टीबी कार्यक्रम’ की शुरुआत की है।
  • उल्लेखनीय है कि टीबी, ऐसी गंभीर बीमारी है जिसका सामना भारत दशकों से कर रहा है। इसलिए सरकार टीबी के बारे में उसी स्तर पर जागरूकता फैलाना चाहती है, जिस स्तर पर कोविड-19 के मामले में लोगों को जागरूक किया गया है।
  • इसके अतिरिक्त, भारत सरकार आने वाले दिनों में मलेरिया, सिकल सेल, कुपोषण, एनीमिया जैसी गंभीर बीमारियों से भी प्रभावशाली तरीके से निपटने की योजना बना रही है। क्योंकि जनजातीय समुदाय इन बीमारियों से व्यापक रूप से प्रभावित है।
  • जनजातीय समुदाय की स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों को दूर करने के लिए जनजातीय कार्य मंत्रालय राज्य सरकारों, सामाजिक संगठनों और अन्य हितधारकों के साथ मिलकर लगातार काम कर रहा है।
  • जनजातीय स्वास्थ्य में नीतिगत पहल करने के लिए भारत सरकार ने राष्ट्रीय जनजातीय स्वास्थ्य परिषद की स्थापना की है।
  • जनजातीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की आपूर्ति की निगरानी करने के लिए सरकार ने स्वास्थ्य इकाइयों (हैल्थ सेल) की स्थापना की है।

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By admin

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